भारत (India) को दुनिया का डायबिटीज कैपिटल (Diabetes Capital) कहा जाने लगा है। दुनिया भर में जितने डायबिटीज के मरीज हैं, उनमें से 17 प्रतिशत (17% Percent Of The Total Number Of Diabetes) भारतीय हैं। भारत में 80 मिलियन यानी 8 करोड़ लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं। आशंका है कि 2045 तक भारत में डायबिटीज मरीजों की संख्या 135 मिलियन अर्थात 13 करोड़ 50 लाख हो जाएगी।

डायबिटीज को सीधे-सीधे शुगर से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में यह जान लेना आवश्यक हो जाता है कि क्या सभी हाई ब्लड शुगर (High Blood Sugar) वाले लोग डायबिटीज के मरीज हैं? आइए समझते हैं हाई ब्लड शुगर और डायबिटीज का संबंध एवं अंतर:

क्या होता है हाई ब्लड शुगर? (What Is High Blood Sugar)

हाई ब्लड शुगर को हाइपरग्लेसेमिया भी कहा जाता है। यह मधुमेह से ग्रस्त लोगों को अधिक प्रभावित करता है। खून में जब शुगर की मात्रा अधिक हो जाती है, तो उसे हाई ब्लड शुगर कहा जाता है। हालांकि यह सामान्य परिभाषा है। असल सवाल यह है कि खून में शुगर की मात्रा कितनी अधिक होने पर हाई ब्लड शुगर माना जाता है।

डॉक्टरों के मुताबिक, रोज़ाना 150 ग्राम से ज़्यादा फ्रक्टोज़ (चीनी का एक रूप) लेने से शरीर में इंसुलिन का असर कम होने लगता है। इसे हाई ब्लड शुगर का एक स्टेज माना जा सकता है। ब्लड शुगर के हाई होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें भोजन और शारीरिक गतिविधि आदि शामिल हैं।

कैसे होता है ब्लड शुगर का टेस्ट?

हाई ब्लड शुगर की जांच के लिए HbA1c टेस्ट की मदद ली जाती है। इसे ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन या ग्लाइकोहीमोग्लोबिन टेस्ट भी कहा जाता है। यह मुख्यत: हीमोग्लोबिन टेस्ट होता है। इस टेस्ट से शुगर लेवल में होने वाले फ्लकचुएशंस की जानकारी मिलती है। यानी ब्लड शुगर लेवल में होने वाले बदलावों का डेटा मिलता है। टेस्ट के परिणाम को परसेंटेज में मापा जाता है।

डॉक्टर की सलाह से स्वस्थ लोग दो साल में एक बार और डायबिटीज के मरीज हर तीन महीने पर करवाते हैं। हालांकि HbA1c टेस्ट में एक-दो बार शुगर लेवल का हाई दिखना डायबिटीज से ग्रस्त होना नहीं होता है। अब आइए जानते हैं कि HbA1c टेस्ट में A1C लेवल का कितना होना सामान्य है।

सामान्य5.7% से कम
प्री-डायबिटिक5.7% से 6.4% के बीच
डायबिटिक6.5% और उससे ज्यादा
सोर्स – http://www.cdc.gov

किस उम्र में कितना ब्लड शुगर होना सामान्य?

6-12 वर्ष की आयु में सुबह नाश्ता करने से पहले यानी खाली पेट ब्लड शुगर का 80 से 180 mg/dl होना सामान्य माना जाता है। वहीं दोपहर में लंच के बाद ब्लड शुगर का 140 mg/dl तक होना सामान्य माना जाता है। रात के खाने के बाद अगर ब्लड शुगर 100 से 180 mg/dl तक रहता है, तो उसे सामान्य माना जाता है।

उम्रसमयसामान्य ब्लड शुगर
13 से 19 खाली पेट70 से 150 mg/dl 
13 से 19लंच के बाद140 mg/dl
13 से 19 डिनर के बाद  90 से 150 mg/dl
20 से 26खाली पेट100 से 180 mg/dl
20 से 26लंच के बाद180 mg/dl
20 से 26डिनर के बाद 100 से 140 mg/dl 
27 से 32खाली पेट100 mg/dl
27 से 32लंच के बाद90-110 mg/dl
27 से 32डिनर के बाद 100 से 140 mg/dl
33 से 40 खाली पेट 140 mg/dl
33 से 40 लंच के बाद160 mg/dl
33 से 40 डिनर के बाद 90 से 150 mg/dl 
50 से 60खाली पेट90 से 130 mg/dl
50 से 60लंच के बाद140 mg/dl
50 से 60डिनर के बाद 150 mg/dl 

कैसे होता है डायबिटीज?

खून में मौजूद शुगर की मात्रा को सोखने में असमर्थ होने की स्थिति ही डायबिटीज को जन्म देती है। जब भी हम कुछ खाते हैं, तो शरीर के भीरत एक रासायनिक क्रिया होती है, जिसके तहत कार्बोहाइड्रेट को तोड़कर ग्लूकोज़ में बदला जाता है। इसी प्रक्रिया से इंसुलिन निकलता है। यह एक हार्मोन है। इंसुलिन कोशिकाओं को निर्देश देता है कि वह ग्लूकोज को सोख लें। इस पूरी प्रक्रिया की वजह से शरीर को उर्जा मिलती है। लेकिन जब इंसुलिन बनाना बंद हो जाता है, तब शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है। इसलिए आपने देखा होगा कि डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन का इंजेक्शन दिया जाता है।