संजय कुमार, विभा अत्री
देश के 15 से 34 साल के 36% युवा बेरोजगारी को सबसे बड़ी समस्या मानते हैं, जबकि 16% गरीबी और 13 प्रतिशत महंगाई को सबसे बड़ी समस्या मानते हैं। लोकनीति-सीएसडीएस (Lokniti-CSDS) के ताजा सर्वे में यह खुलासा हुआ है। इसी महीने की शुरुआत में जारी लोकनीति सीएसडीएस की रिपोर्ट के मुताबिक सर्वे में भाग लेने वाले 6% युवाओं ने भ्रष्टाचार को देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती माना। जबकि 4 प्रतिशत ने शिक्षा और बढ़ती जनसंख्या को चुनौती करार दिया।
लोकनीति-सीएसडीएस की ताजा रिपोर्ट पर नजर डालें तो साल 2016 में हुए ऐसे ही सर्वे के मुकाबले अब बेरोजगारी को बड़ी समस्या मानने वाले युवाओं की संख्या में 18 फ़ीसदी बढ़ोतरी हुई है। जबकि महंगाई को सबसे बड़ी समस्या मानने वाले युवाओं की संख्या में भी 7% इजाफा हुआ है
कब और कहां हुआ सर्वे?
सीएसडीएस-लोकनीति के ताजा सर्वे में 18 राज्यों के 9316 युवाओं को शामिल किया गया। ये सभी युवा मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखने वाले थे। ज्यादातर ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बताया। सर्वे में शामिल 40 फ़ीसदी ऐसे युवा जो ग्रेजुएट या उससे ज्यादा पढ़े लिखे थे, उन्होंने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बताया, जबकि अशिक्षित वर्ग के 27 फीसदी युवाओं के लिए बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है।
ओवरऑल डाटा देखें तो सर्वे में शामिल 42 फ़ीसदी पुरुषों के लिए बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है तो 31 फीसदी महिलाओं ने बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा माना है।
अगर निम्न आय वर्ग से ताल्लुक रखने वाले युवाओं की बात करें तो उनके लिए गरीबी और बढ़ती महंगाई सबसे बड़ी समस्या है। सर्वे में शामिल सभी वर्ग की महिलाओं ने खानपान की वस्तुओं की बढ़ती कीमतों और गरीबी को लेकर चिंता जाहिर की। देखें चार्ट

49% युवाओं के पास नौकरी
सर्वे में शामिल 49% युवाओं ने कहा कि उनके पास किसी न किसी तरह का काम है। इसमें से 40% के पास फुल टाइम नौकरी थी, जबकि 9% पार्ट टाइम नौकरी कर रहे थे। इनमें से करीब 23 प्रतिशत युवा खुद का बिजनेस कर रहे हैं। जबकि 16% ऐसे थे जो डॉक्टर या इंजीनियर की नौकरी कर रहे थे। 15% युवा कृषि काम में लगे थे, जबकि 27% अकुशल कामगार थे। महज 6% युवाओं के पास सरकारी नौकरी थी।

युवाओं की पसंदीदा जॉब क्या है?
सर्वे में शामिल युवाओं से जब यह पूछा गया कि उनकी पसंदीदा नौकरी क्या है? तो करीब 16% ने कहा कि हेल्थ सेक्टर उनका पसंदीदा है। डॉक्टर, नर्स या अन्य मेडिकल स्टाफ के तौर पर काम करना चाहेंगे। इसी तरह एजुकेशन सेक्टर को 14 प्रतिशत युवाओं ने पसंदीदा बताया, जबकि 10% युवाओं ने विज्ञान-प्रौद्योगिकी और खुद के व्यवसाय को तरजीह दी। 6% ने सरकारी नौकरी को प्राथमिकता बताया।

सरकारी-प्राइवेट नौकरी या अपना बिजनेस?
सर्वे में शामिल युवाओं से जब यह पूछा गया कि अगर उन्हें सरकारी नौकरी, प्राइवेट नौकरी या खुद के बिजनेस में से चुनना हो तो किसे चुनेंगे? प्रत्येक 5 में से 3 युवाओं ने सरकारी नौकरी को प्राथमिकता बताया। जब 4 में से एक ने खुद के रोजगार को।

साल 2007 के इसी तरह के सर्वे में 16% युवाओं ने खुद के बिजनेस को प्राथमिकता दी थी। अब ऐसे युवाओं की संख्या 27% है। यानी 11 प्रतिशत बढ़ गई है।