Amritpal Singh Latest News: अधिकारियों ने करीब 15 दिन पहले ही ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के चीफ और अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मंजूरी दे दी थी। पुलिस ने पूरा खाका तैयार किया था और तय किया गया था कि अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को रामपुरा फूल के रास्ते में गिरफ्तार किया जाएगा, जहां 18 मार्च को उसका एक कार्यक्रम प्रस्तावित था।
अमृतपाल सिंह के खिलाफ एक्शन में क्यों हुई देरी?
सूत्रों ने बताया कि पंजाब सरकार अजनाला पुलिस स्टेशन पर अमृतपाल सिंह के समर्थकों के हंगामे के बाद फौरन कार्रवाई का मन बना चुकी थी। 23 फरवरी को अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर उपद्रव कर उसे हिरासत से छुड़ा लिया था। पंजाब सरकार ने 28 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय से पैरामिलिट्री फोर्स की 120 कंपनियां मांगी थीं। हालांकि केंद्र सरकार चाहती थी कि 15 से 17 मार्च तक अमृतसर में होने वाली जी-20 की महत्वपूर्ण बैठकें खत्म हो जाएं। इसके बाद अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों पर कार्रवाई हो।
3 मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ( Bhagwant Mann) ने गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में अमृतपाल सिंह पर कार्रवाई का पूरा खाका खींच लिया गया था। मुलाकात के ठीक बाद पैरामिलिट्री फोर्स के 2430 जवान पंजाब रवाना कर दिए गए थे, जिसमें रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की 8 टुकड़ियां भी शामिल थीं।
क्या था अमृतपाल सिंह को पकड़ने का प्लान?
पंजाब सरकार ने पूर्व योजना के तहत शुक्रवार यानी 17 मार्च से कार्रवाई शुरू की। पहले तय किया गया था कि राज्य में इंटरनेट सेवाएं शनिवार (18 मार्च) दोपहर से बंद की जाएंगी, लेकिन राज्य के अतिरिक्त गृह सचिव अनुराग वर्मा ने शुक्रवार को ही इंटरनेट सेवाएं बंद करने का आदेश जारी कर दिय। इस आदेश में सभी इंटरनेट सर्विसेज, 2G, 3G, 4G, 5G समेत सभी एसएमएस सेवाओं पर भी पाबंदी लगाई गई थी।
8 जिलों में तैनात थे पैरामिलिट्री के जवान
प्लानिंग के मुताबिक अमृतपाल सिंह की जहां से गिरफ्तारी होनी थी, उस पूरे रास्ते पर सुरक्षा बलों की भारी मात्रा में तैनाती की गई थी। यह रास्ता 8 जिलों से होकर गुजरता है, जिसमें- अमृतसर, तरनतारण, फिरोजपुर, फरीदकोट, मोगा, मुक्तसर, जालंधर और बठिंडा शामिल हैं। प्लान था कि अमृतपाल सिंह को जालंधर-मोगा रोड पर महमतपुर के पास से गिरफ्तार किया जाएगा।
छावनी में तब्दील है अमृतपाल का गांव
हालांकि अमृतपाल सिंह जिस मर्सिडीज में था, वह पुलिस के घेरे से निकलने में कामयाब रही। पंजाब पुलिस की कई टीमें अमृतपाल सिंह की तलाश में जुटी हैं। उधर, अमृतपाल सिंह का गांव जल्लूखेड़ा छावनी में तब्दील हो गया है। वहां पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स तैनात है।