पंजाब पुलिस अलगाववादी नेता अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को गिरफ्तार करने के लिए पूरे राज्य में बड़े स्तर पर अभियान चला रही है। पंजाब पुलिस की कई टीमें अमृतपाल सिंह को ढूंढ रही हैं। उधर, BSF और सेना को भी अलर्ट कर दिया गया है। अब तक 114 लोगों को हिरासत में लिया गया है। राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
पंजाब पुलिस ने अब तक अमृतपाल सिंह के करीबियों और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े लोगों से 10 हथियार बरामद किए हैं। जिसमें सात 12 बोर की राइफल, दो 315 बोर की राइफल, और एक 32 बोर की रिवाल्वर शामिल है। 450 के करीब जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं।
क्या है ISI का कनेक्शन?
पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह गिल ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि अमृतपाल और उसके साथियों से जुड़े चार वाहन भी जब्त किये गए हैं। इसमें एक मर्सिडीज, दो एंडेवर और एक Isuzu शामिल है। उन्होंने कहा कि हथियारों के मामले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एंगल और फॉरेन फंडिंग की बात भी सामने आ रही है। इस एंगल पर और विस्तृत जांच की जा रही है।
उधर, खुफिया एजेंसियों का कहना है कि अमृतपाल सिंह साल 2012 में दुबई ट्रक ड्राइवर की नौकरी करने गया था। यहीं उसकी पाकिस्तान बेस्ड खालिस्तानी समर्थक लखबीर सिंह रोड के भाई जसवंत सिंह रोड से संपर्क हुआ और आतंकी परमजीत सिंह पम्मा के भी संपर्क में आया। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इन्होंने ही अमृतपाल सिंह का संपर्क ISI से कराया। जिसने अमृतपाल सिंह को पंजाब में खालिस्तान मूवमेंट को दोबारा जिंदा करने के लिए फंडिंग दी।
क्या है हथियारों पर लिखे AKF का मतलब?
अमृतपाल सिंह के करीबियों के पास से जो हथियार बरामद किए गए हैं, उनमें से कई पर AKF लिखा था। AKF यानी आनंदपुर खालसा फौज। दावा किया जा रहा है कि अमृतपाल सिंह, ‘आनंदपुर खालसा फौज’ के नाम से अपनी एक प्राइवेट आर्मी तैयार करने में जुटा था और इसी मकसद से तमाम अत्याधुनिक हथियार जुटा रहा था।
परिवार वालों को असम क्यों ले जाया गया?
पंजाब पुलिस ने अब तक जिन लोगों को हिरासत में लिया है उनमें अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह, अमृतपाल सिंह के कथित सलाहकार दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह और पी बजेका शामिल हैं। इन सबको स्पेशल प्लेन से पंजाब से करीब 2500 किलोमीटर दूर असम शिफ्ट किया गया है। इन पर रासुका भी लगाई गई है।
पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अफसरों का कहना है कि इस बात की आशंका है कि अमृतपाल सिंह के समर्थक हंगामा कर सकते हैं। इसी को देखते हुए के परिवार के सदस्यों को असम ले जाया गया है। असम ले जाने की एक और वजह यह भी है कि वहां पंजाबी समुदाय की आबादी काफी कम है। ऐसे में उपद्रव की आशंका कम है।