अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संविधान पीठ का हिस्सा रहे SC के पूर्व जज अब्दुल नजीर की आंध्र प्रदेश के गवर्नर के तौर पर नियुक्ति पर सियासी घमासान मचा है। विपक्षी दल, खासकर कांग्रेस इस मसले पर बीजेपी सरकार पर हमलावर है और इसे न्यायपालिका पर खतरा करार दिया है। जस्टिस अब्दुल नजीर, इकलौते नहीं हैं। इससे पहले अयोध्या मामले में सुनवाई करने वाली पीठ (Ayodhya Bench) का हिस्सा रहे पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (Former CJI Ranjan Gogoi) को बीजेपी ने रिटायरमेंट के महज 4 महीने बाद ही राज्यसभा के लिए नामित किया था, तब भी विपक्ष ने खासा हंगामा किया था।
राज्यसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, रंजन गोगोई ने नामित होने के बाद से अब तक एक भी सवाल नहीं पूछा है। न तो कोई प्राइवेट मेंबर बिल (Private Member Bill) पेश किया है। राज्यसभा की वेबसाइट पर ‘माय पार्टिसिपेशन’ (My Participation) के नाम से एक सेक्शन है, जहां सांसदों की ऑडियो और वीडियो क्लिप मौजूद रहती है। लेकिन यहां रंजन गोगोई के नाम से कोई रिकॉर्ड नहीं है।
स्टैडिंग कमेटी का हिस्सा हैं रंजन गोगोई
राज्यसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक रंजन गोगोई विदेश मामलों पर संसद की स्टैंडिंग कमेटी (Parliamentary Standing Committee on External Affairs) का हिस्सा भी हैं।
सत्र | तारीख | कुल सीटिंग | कितने में उपस्थित रहे |
बजट सत्र 2020 | 31-1-2020 से 3-04-2020 तक | 34 | 2 |
बजट सत्र 2021 | 29-1-2021 से 25-04-2021 तक | 33 | 1 |
मॉनसून सत्र 2021 | 19-07-2021 से 11-08-2021 तक | 17 | 1 |
शीत सत्र 2021 | 29-11-2021 से 22-12-2021 तक | 18 | 7 |
बजट सत्र 2022 | 31-01-2022 से 8-04-2022 तक | 29 | 7 |
मॉनसून सत्र 2022 | 18-07-2022 से 08-08-2022 तक | 16 | 6 |
शीत सत्र 2022 | 07-12-2022 से 23-12-2022 तक | 13 | 7 |
बजट सत्र (मौजूदा) | 31-01-2023 से 13-02-2023 तक, 13/3/23 से फिर शुरू | 27 | 6 |
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च (PRS Legislative Research) के मुताबिक राज्यसभा में नामांकन के बाद से अब तक रंजन गोगोई की कुल उपस्थिति यानी अटेंडेंस महज 30 परसेंट है। आपको बता दें कि राज्यसभा में सांसदों की उपस्थिति एक रजिस्टर पर सिग्नेचर के जरिए नोट की जाती है। ऐसे में संभव है कि किसी सांसद ने कोई सत्र अटेंड किया हो, लेकिन रजिस्टर पर साइन करना भूल गया हो।