आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की बेल याचिका पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को एक बार फिर विजय नायर के नाम पर चर्चा हुई। विजय नायर दिल्ली आबकारी नीति में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में पहले खुद एक आरोपी थे। अब सरकार गवाह बन गए हैं। बेल याचिका पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने विजय नायर के बयान को आधार बनाकर कहा कि सरकारी गवाह सिसोदिया के कहने पर ही काम कर रहे थे।

ध्यान रहे कि नायर पर बतौर आप नेता ‘साउथ ग्रुप’ नाम के शराब कार्टेल से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा था। वहीं सिसोदिया पर आरोप है कि उन्होंने लाइसेंसधारियों के पक्ष में गलत तरीके से आबकारी नीति में बदलाव किया। इसका फायदा शराब कारोबारियों को मिला। जांच एजेंसियों का दावा है कि नीति में बदलाव के बाद शराब कारोबारियों का लाइसेंस शुल्क या तो माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया।

कोर्ट में जब एएसजी ने विजय नायर के बयान को आधार बनाकर सिसोदिया पर पैसों के लेनदेन के आरोप को दोहराया तो न्यायमूर्ति ने पूछा, “क्या सिसोदिया के खिलाफ सरकारी गवाह बने सह-अभियुक्त के बयान के अलावा क्या कोई और सबूत है?” ऐसे में सवाल उठता है कि कौन है विजय नायर, जिनकी कोर्ट तक में इतनी चर्चा है? कभी आप के करीबी रहे नायर आज कैसे अब सिसोदिया के गले की फांस बन गए हैं?

कौन हैं विजय नायर?

विजय नायर मुंबई के ओनली मच लाउडर (OML) नामक कंपनी के पूर्व CEO हैं। OML एंटरटेनमेंट और इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ी कंपनी है। नायर कॉलेज ड्रॉपआउट हैं। उन्होंने साल 2002 में 18 साल की उम्र में कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। वह मुंबई के सिडेनहैम कॉलेज के छात्र रहे हैं, जहां उनका बैचलर ऑफ कॉमर्स के लिए दाखिला हुआ था। कॉलेज छोड़ने के बाद 2002 में ही नायर ने ओनली मच लाउडर (OML ) की स्थापना की।

एक मैनेजमेंट कंपनी के रूप में ओएमएल के पास पेंटाग्राम जैसे शीर्ष बैंड थे। ओएमएल के लाइव इवेंट में एआर रहमान और रघु दीक्षित से लेकर नोरा जोन्स और डीजे डेविड गुएटा जैसे कलाकारों ने भी परफॉर्म किया।

बाद में ओएमएल को “NH7 वीकेंडर” कन्सर्ट के लिए जाना गया। ओनली मच लाउडर का NH7 वीकेंडर जल्द ही इंडी म्यूजिक का पर्याय बन गया। बाद में नायर की यह कंपनी ‘ईस्ट इंडिया कॉमेडी’ और ‘ऑल इंडिया बकचोद (AIB)’ जैसे कॉमेडी/रोस्ट शो आयोजित करने के लिए जानी गई। कंपनी ने एमटीवी इंडिया के लिए द डेवारिस्ट्स नामक एक म्यूजिक सीरीज भी बनाई।

इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार 2014 में नायर की कंपनी की कीमत करीब 10 मिलियन डॉलर आंकी गई थी। साल 2016 में नायर ने फॉर्च्यून इंडिया की 40 अंडर 40 की सूची में भी जगह बनाई। इन सबके बावजूद नायर ने मेनस्ट्रीम मीडिया में सबसे अधिक सुर्खियां 2018 में बनाई। भारत में उस वर्ष शुरू हुए मीटू मूवमेंट के दौरान विजय नायर पर यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए गए थे।

बाद में कारवां ने एक रिपोर्ट प्रकाशित कर खुलासा किया कि ओनली मच लाउडर का सीईओ रहते हुए विजय नायर ने कंपनी में ना सिर्फ लैंगिक भेदभाव को बढ़ावा दिया बल्कि यौन उत्पीड़न, स्त्री विरोधी व्यवहार भी किए था।

कारवां ने नायर के साथ काम चुकी महिलाओं की आपबीती पर जो रिपोर्ट प्रकाशित की उसके मुताबिक, विजय नायर ने एक महिला को बाथटब में साथ नहाने के लिए पूछा था, एक महिला को रात दो बजे मालिश करने को कहा था, एक महिला को आपत्तिजनक तस्वीर भेजी थी। हालांकि नायर ने इन सभी आरोपों का खंडन किया। विजय नायर ने इन आरोपों से एक साल पहले ही ओएमएल में अपनी भूमिका छोड़ दी थी।

आम आदमी पार्टी से कैसे जुड़े?

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विजय नायर जनवरी, 2014 को आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे। अगले साल 2015 में दिल्ली में OML के वार्षिक संगीत समारोह NH7 वीकेंडर के छठे संस्करण आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम के कुछ समय बाद नायर ने द क्विंट को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने दिल्ली केजरीवाल सरकार की तारीफ की। तारीफ का कारण केजरीवाल सरकार की एक नीति थी। दरअसल आप सरकार ने म्यूजिक इंवेट्स के संचालन के लिए सिंगल विंडो लाइसेंस सिस्टम अपनाया था। इससे विजय नायर बहुत खुश और सरकार के शुक्रगुजार थे।

द क्विंट के इंटरव्यू में विजय नायर ने यह माना था कि उनके आप के शीर्ष नेताओं से अच्छे संबंध हैं और उन्होंने पार्टी को चंदा भी दिया है। नायर ने यह डोनेशन 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले दिया था। आम आदमी पार्टी नवंबर 2012 में बनी थी। विजय नायर ने चंदा 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले दिया। यानी तब पार्टी करीब दो साल की थी।

AAP के एक वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 2014 से 2018 तक विजय नायर की पार्टी में भूमिका सोशल मीडिया रणनीतिकार, कार्यक्रम आयोजक और धन जुटाने की थी। 2018 में विजय नायर का पार्टी के भीतर कद बढ़ा। उन्हें पार्टी का कम्यूनिकेशन इंचार्ज बना दिया गया।

दिल्ली एक्साइज पॉलिसी में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामले में जब सीबीआई ने दिसंबर 2022 में विजय नायर को गिरफ्तार किया, तब केजरीवाल ने कहा था कि वह महज पार्टी के एक कार्यकर्ता हैं। तब एक वीडियो संबोधन में केजरीवाल ने विजय नायर को लेकर कहा था, “वह आप के एक कार्यकर्ता हैं। वह हमारे लिए संचार संभालते हैं। इससे पहले उन्होंने पंजाब में बहुत अच्छा काम किया और हमने वहां सरकार बनाई। अब वह गुजरात में संचार रणनीति संभाल रहे हैं। कहा जा रहा है कि वह दिल्ली के शराब घोटाले में शामिल थे। मुझे समझ नहीं आता कि वह शराब घोटाले से कैसे जुड़े हैं। वह गुजरात में सोशल मीडिया देखते हैं। वह सिर्फ एक पार्टी कार्यकर्ता हैं।”

ईडी की चार्जशीट के मुताबिक, कथित शराब घोटाले के मुख्य आरोपी समीर महेंद्रू के साथ वीडियो कॉल पर बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने विजय नायर को ‘अपना आदमी’ बताया था।

कथित शराब घोटाले से विजय नायर का कैसे जुड़ा नाम?

सीबीआई की FIR में शुरुआत में जिन 15 लोगों का नाम था, उसमें विजय नायर और मनीष सिसोदिया का नाम शामिल था। सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, केजरीवाल सरकार में शराब को लेकर उत्पाद शुल्क नीति बनाने और लागू करने में जो ‘अनियमितता’ हुई उसमें विजय नायर शामिल थे। नायर को इस मामले में प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक माना जाता है।

सीबीआई के मुताबिक, नायर पैसों के अवैध लेन-देन में नौकरशाहों और शराब कारोबार से जुड़े लोगों के बीच कड़ी का काम कर रहे थे।

पिछले साल 19 और 20 अगस्त को सीबीआई ने दिल्ली-एनसीआर और अन्य शहरों में नायर के कई ठिकानों पर छापा मारा था। तब जांच एजेंसी को नायर का पता नहीं चल सका था। बाद में यह बात सामने आई कि वह भारत में नहीं हैं। नायर ने एक बयान जारी कर कहा था कि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं और देश से भागे नहीं हैं, जैसा कि दावा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “मैं कुछ निजी काम के लिए पिछले कुछ हफ्तों से विदेश में हूं। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। इसलिए, मेरे भागने का कोई सवाल ही नहीं है।” हालांकि अपने बयान में नायर ने यह नहीं बताया कि वह किस देश के किस हिस्से में हैं। बाद में एजेंसी ने विजय नायर को गिरफ्तार किया। कई बार उनकी जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। अब वह सरकारी गवाह बन गए हैं।