चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 15 मई को एक वकील पर खासा नाराज हो गए। दरअसल, वकील अपने मामले की अर्जेंट लिस्टिंग की मांग कर रहा था और बार-बार इसी जिद पर अड़ा रहा। इसपर सीजेआई ने कहा कि हमारी यही आदत है कि हम किसी की सुनते नहीं हैं। मैं कह रहा हूं कि आपका मामला वैकेशन बेंच (Vacation Bench) के सामने लिस्ट होगा।
सीजेआई के आश्वासन के बावजूद वकील जिद करता रहा है और कहा मीलॉर्ड…। इस पर चीफ जस्टिस और नाराज हो गए। कहा कि यह कोई तरीका नहीं है। मैं आपको कोर्ट रूम से बाहर निकाल दूंगा। आज 212 केसेज की मेंशनिंग है। आपको वैकेशन लिस्टिंग दे दी है, इसके बावजूद जिद पर अड़े हैं। वकील की बात पर CJI चंद्रचूड़ इतने नाराज हुए कि कहा, एक काम करते हैं… हम चले जाते हैं।
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की नाराजगी के बाद वकील ने माफी मांगी। CJI ने कहा कि हमारी समस्या यही है कि किसी की बात सुनना नहीं चाहते हैं। मैं आपको डेट तो दे रहा हूं…क्या नहीं दे रहा हूं?
कब बंद हो रहा है सुप्रीम कोर्ट?
सुप्रीम कोर्ट ने इसी महीने की शुरुआत में वैकेशन बेंच का नोटिफिकेशन जारी किया है। 22 मई से 2 जुलाई तक सुप्रीम कोर्ट में छुट्टियों के दौरान वैकेशन बेंच ही मामलों को सुनेगी। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ‘सुप्रीम कोर्ट रूल्स 2013 के रूल नंबर 4 के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सीजेआई ने आदेश दिया है कि उच्चतम न्यायालय सालाना समर वैकेशन के लिए 22 मई से बंद होगा और 3 जुलाई को दोबारा खुलेगा’। हालांकि इस बार पिछली बार के मुकाबले एक सप्ताह कम की छुट्टी होगी।
समर वैकेशन के दौरान सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री शनिवार-रविवार को छोड़कर प्रत्येक दिन खुली रहेगी। चीफ जस्टिस ने समर वैकेशन के लिए रोस्टर के मुताबिक जजों की ड्यूटी लगाई है।
क्या है वैकेशन बेंच?
वैकेशन बेंच सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा गठित स्पेशल बेंच होती है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में साल में दो बार लंबी छुट्टियां होती हैं। पहला समर और दूसरा विंटर वैकेशन, लेकिन इस दौरान तकनीकी तौर पर कोर्ट पूरी तरह बंद नहीं होता है। याचिकाकर्ता वैकेशन के दौरान भी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा सकते हैं। यदि कोर्ट को लगता है कि मामला महत्वपूर्ण है तो वैकेशन बेंच मेरिट के आधार पर मामले को सुनती है।
हालांकि महत्वपूर्ण मामले (अर्जेंट मैटर) क्या हैं, इसकी कोई साफ परिभाषा नहीं है। लेकिन वैकेशन के दौरान आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट हैबियस कॉर्पस, मूलभूत अधिकार का हनन, न्यायिक रिट से जुड़ी याचिकाओं को महत्वपूर्ण मानते हुए उन पर सुनवाई करती है।
क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट रूल्स 2013?
सुप्रीम कोर्ट रूल्स 2013 के रूल नंबर 6 में कहा गया है कि समर अथवा विंटर वैकेशन के दौरान चीफ जस्टिस एक अथवा एक से ज्यादा जजों को अर्जेंट मैटर की सुनवाई के लिए नियुक्ति कर सकते हैं। आवश्यकता अनुसार सिंगल या एक से ज्यादा जजों की बेंच मामलों को सुनती है।
सुप्रीम कोर्ट में कितने दिन कामकाज?
सुप्रीम कोर्ट के कामकाज पर नजर डालें तो भारत का उच्चतम न्यायालय साल भर में करीब 200 दिन काम करता है। ब्रिटेन का उच्चतम न्यायालय भी लगभग इतने ही दिन काम करता है। अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट सालाना करीब 80 दिन, ऑस्ट्रेलिया का करीब 100 दिन और सिंगापुर का 145 दिन काम करता है।

वैकेशन बेंच ने ही की थी ‘तीन तलाक’ पर सुनवाई
समर अथवा विंटर वैकेशन के दौरान महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई चलती रहती है। उदाहरण के तौर पर साल 2017 में समर वैकेशन के दौरान ही तत्कालीन चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने तीन तलाक से जुड़े मामले की सुनवाई की थी।
साल 2018 में भी जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव का रिजल्ट घोषित हुआ, तब कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट गई थी। उस समय भी वैकेशन बेंच ने मामले को सुना था और अगले ही दिन फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था।