एनोना दत्त
जो लोग जनवरी में ओमिक्रोन वेरिएंट से संक्रमित हुए थे वो अभी भी ओमिक्रोन के अन्य वेरिएंट्स जो दुनिया भर में सामने आ रहे हैं, को लेकर अतिसंवेदनशील हैं। विशेष रूप से BA.4 और BA.5 जिसके कारण दक्षिण अफ्रीका में मामलों की पांचवीं लहर आई और अब BA.2.12.1 जो दक्षिण अफ्रीका के अलावा यूरोप में भी फैल रहा है। इसके अलावा ये अमेरिका में भी तेजी से फैल रहा है।
भारत में सभी तीन प्रकारों का पता लगाया जा चुका है, लेकिन BA.2 – जिसने BA.1 के साथ भारत में जनवरी में आने वाली लहर का मुख्य कारण बना उसका दबदबा अभी भी बना हुआ है, पिछले 30 दिनों में GISAID को पेश किए गए वैश्विक डेटाबेस में सभी जीनोमिक सीक्वेंसेस में से 32 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है।
अगर कोई व्यक्ति एक बार पहले ओमिक्रोन से संक्रमित हो चुका हो तो क्या दोबारा भी इससे संक्रमित हो सकता है?
डॉ ललित कांत, महामारी विज्ञान और संक्रामक रोगों के विभाग के पूर्व प्रमुख ने बताया,“बिलकुल हो सकता है, जिन लोगों को जनवरी के महीने में ओमिक्रोन वायरस का संक्रमण हुआ था उन्हें भी दोबारा ये वायरस संक्रमित कर सकता है जब बीए.4 और बीए.5 जैसे अन्य सब-वेरिएंट्स समुदाय में प्रसारित होने लगते हैं। हमने देखा है कि ये वेरिएंट BA.2 से दूसरे देशों में डॉमिनेंट वेरिएंट बन गए हैं। वे BA.2 की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तेजी से संक्रमित होते हैं, जो जंगली प्रकार के वायरस की तुलना में कई गुना ज्यादा तेज संक्रमित हो रहे हैं।” इसी तरह, BA.2.12.1 जिसे पहली बार न्यूयॉर्क में पाया गया था, उसे लगभग 27 प्रतिशत ज्यादा तेज संक्रमित माना जाता है।
उन्होंने बताया,”केवल इतना ही नहीं, जनवरी में ओमिक्रोन संक्रमण के बाद लोगों में वैक्सीनेशन के बाद आई इम्युनिटी की वजह से कोई गंभीर बीमारी नहीं हुई इसकी वजह ये थी कि टीकाककरण की वजह से इम्युनिटी भी 5 से 6 महीने तक ज्यादा बेहतर रहती है। वहीं इसके बाद जब इम्युनिटी कम होने लगती है तो संक्रमण के मामले बढ़ भी सकते हैं।”
क्या ये ओमिक्रोन के इन नए वेरिएंट्स के भारत में हावी होने की संभावनाएं है?
BA.4 और BA.5 के पहले मामले दक्षिण अफ्रीका में जनवरी और फरवरी में पाए गए और मई तक मुख्य वेरिएंट बन गए, जो पिछले BA.2 पर साफ तौर पर बढ़ने का इशारा करते हैं। इसी तरह, पुर्तगाल में BA.5 पहले से ही मेन वेरिएंट बन चुका है।
हालांकि अन्य यूरोपीय देशों में दो प्रकारों के अनुपात कम हैं, यूरोपीय रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने बताया, “बीए.4 और बीए.5 के लिए रिपोर्ट किए गए ग्रोथ एडवांटेज से इस बात का पता चलता है कि ये वेरिएंट यूरोपीय संघ / ईईए में प्रभावी हो जाएंगे, शायद इसी वजह से आने वाले सप्ताहों में इन जगहों पर कोविड -19 मामले बढ़ते हुए दिखाई दिए हैं। ”
इसका प्रभाव बहुत तेजी से बढ़ता है इसके अलावा ये वेरिएंट पिछले ओमिक्रोन संक्रमण या टीकाकरण से प्राप्त कुछ इम्युनिटी को भी दरकिनार कर सकते हैं?
प्रयोगशाला में किए गए अध्ययन के आंकड़ों से इस बात का पता चलता है कि BA.4 और BA.5 अपने कजिन BA.1 और BA.2 से अधिक दूर हैं, जिसके कारण भारत में जनवरी के महीनों में कोविड के मामलों में उछाल आया था। इसका मतलब यह है कि पैतृक वायरस से स्पाइक्स का उपयोग करने वाले टीके कम प्रभावी होंगे।
यूरोपीय सीडीसी ने बताया “BA.4 और BA.5 को कोविड -19 वैक्सीन (एस्ट्राजेनेका या फाइजर) की तीन डोज लेने से या BA.1 वैक्सीन सीरा से टीका लगाए गए व्यक्तियों पर थोड़ा कम असर के साथ इसे न्यूट्रलाइज्ड किया जाता है।” इसके अलावा, उन्होंने ये भी बताया कि पुर्तगाल में एक बार फिर संक्रमण की दर में वृद्धि हुई है। ”
डॉ कांत ने समझाया, “अगर हम अन्य देशों के उदाहरण पर चलते हैं और कोविड -19 के बारे में कुछ भी भविष्यवाणी करते हैं तो ये बहुत ही कठिन होगा। संभावनाएं तो ऐसी हैं कि आने वाले समय में कोविड संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी होगी, लेकिन बढ़ने के बाद भी इन मामलों में अस्पताल में भर्ती होने और मौतों की संभावनाएं कम होंगी। ”
