उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सपा और बीजेपी नेताओं के बीच खूब जुबानी जंग हुई। एक दूसरे के खिलाफ खूब कड़वाहट वाले शब्दों का प्रयोग किया। खासकर जुबानी जंग सीएम योगी आदित्यनाथ और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच देखने को मिली थी। 28 मार्च को विधानसभा का सत्र शुरू हुआ और नए सदस्यों को सदस्यता दिलाई गई तो सीएम योगी और अखिलेश यादव का आमना सामना हुआ।
एक दूसरे से मिले अखिलेश और सीएम योगी: दरअसल विधायकों के शपथ ग्रहण के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने एक-दूसरे के साथ हाथ मिलाया। सीएम योगी ने अखिलेश के कंधे पर हाथ भी रखा। अब यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं: अजय ठाकुर नाम के यूजर ने लिखा कि “सब एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं, कोई ज्यादा तो कोई कम हैं। सत्ता हाथ में चाहिए बाकी जनता मरे, खपे कोई लेना देना नहीं। इनकी इनकम शुरु रहनी चाहिए।” वीएस श्रीवास्तव नाम के यूजर ने लिखा कि “राजनीतिक शिष्टाचार का यह सुकून भरा दृश्य, जिससे हम सभी को सबक लेना चाहिये।”
ज्ञानेंद्र मिश्रा नाम के यूजर ने लिखा कि “जनता ने, जो जिस लायक था वो पद और सम्मान दिया। अखिलेश जैसे लोग जनता के सेवक कभी नहीं बन सकते।” हेमेद्र मालवीय नाम के यूजर ने लिखा कि “बाबा किसी के हाथ नहीं जोड़ता, वो सिर्फ आर्शीवाद देता है, आज बाबाजी ने हाथ जोड़ दिये।” सलीम शेख नाम के यूजर ने लिखा कि “योगी के मनमानी पर अब लगाम लगेगी, अखिलेश जी ने संसद की जगह विधानसभा मे रहने का निर्णय एकदम सही लिया है।”
शिव वीर सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि “मुझको बाबा जी माफ करना , गलती मारे से हो गयी।” शादाब नाम के यूजर ने लिखा कि “राजनीति में सब सही है, बस नुकसान आम जन का होता है।” सुबेद्र सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि “मतभेद कभी मनभेद न बनें,तहजीब अपनी-अपनी।” राजकुमार गिरधर नाम के यूजर ने लिखा कि “जैकेट पहनी हुई है लगता है मौसम ठंडा हो गया है।”
शाजिद शेख नाम के यूजर ने लिखा कि “थोड़ी सी भूल और कमल का फूल।” दीप चन्द्र नाम के यूजर ने लिखा कि “योगी जी इस बार रिंग में हम आपके सामने हैं।” राजेश रस्तोगी नाम के यूजर ने लिखा कि “मजबूत सरकार और शानदार विपक्ष के साथ जनता की उम्मीदों का 5 साल का सफर शुरू।” दिलीप जी नाम के यूजर ने लिखा कि “लोकतंत्र की सबसे बेहतरीन तस्वीर, आप कभी हमेशा मुख्यमंत्री नहीं रह सकते और न कभी नेता प्रतिपक्ष। मैं यहां तू वहां जिंदगी है कहां।”