दिग्गज अदाकारा तबस्सुम गोविल (Tabassum Govil) अब इस दुनिया में नहीं रहीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक 78 वर्षीय अभिनेत्री का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। अचानक से हुई मौत से पूरी इंडस्ट्री सदमें में हैं। वह एक एक्ट्रेस होने के साथ-साथ एंकर और टीवी होस्ट भी थीं। वह अपने शो ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ (Phool Khile Hain Gulshan Gulshan) के लिए लोकप्रिय थीं। बता दें कि वर्ष 1944 में जन्मीं तबस्सुम ने बतौर बाल कलाकार अभिनय करियर की शुरुआत की थी। फैंस उन्हें ‘बेबी’ तबस्सुम के नाम से भी जानते थे।

उनके निधन की जानकारी उनके बेटे होशंग गोविल ने दी। होशंग ने बताया कि वह बिल्कुल ठीक थीं और 10 दिन पहले तक उन्होंने शूटिंग की थी। बता दें कि 21 नवंबर को उनके लिए सांताक्रुज के आर्या समाजमें प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाएगा। दिग्गज अदाकारा एक यूट्यूब चैनल भी चलाया करती थीं जिसमें वह एक्टर और एक्ट्रेस के अनसुने किस्से सुनाया करती थीं। तबस्सुम की जिंदगी से जुड़ा ऐसा ही एक अनसुना किस्सा आज हम आपको सुनाने जा रहे हैं।

अमिताभ बच्चन ने आग में कूदकर बचाई थी एक्ट्रेस की जान

तबस्सुम ने Rediff.com को साल 2014 में दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि ‘अमिताभ बच्चन ( Amitabh Bachchan) कभी भी शो के लिए टेलीविजन स्टूडियो नहीं आते थे। वह हमें ही अपनी फिल्मों के सेट पर बुला लिया करते थे। इसी इंटरव्यू के दौरान तबस्सुम ने बताया था कि कैसे अमिताभ बच्चन ने उनकी जान बचाई थी। उन्होंने कहा कि मैंने अमिताभ और कल्याणजी-आनंदजी के साथ भारत और विदेशों में कई लाइव शो किए हैं। एक बार हम मुंबई के शनमुखानंद हॉल में शो कर रहे थे। मैं व्हीलचेयर पर बैठी हुई थी। क्योंकि मेरे पैर में फ्रैक्चर हो गया था।’

एक्ट्रेस ने आगे बताया कि ‘तभी अचानक वहां आग लग गई और चारों तरफ अफरा तफरी का माहौल हो गया। मैं मदद के चिल्ला रही थी लेकिन कोई मेरी मदद के लिए आगे नहीं आया। इतने में अमित जी आ गए। वह मुझे सुरक्षित स्थान पर ले गया। आज मैं उन्हीं की वजह से जिंदा हूं। मैं विश्वास करती हूं कि महान झुकता है, जमीन नहीं झुकती है आसमान झुकता है।’

तबस्सुम के निधन पर इमोशनल हुए अमिताभ बच्चन

तबस्सुम के निधन पर अमिताभ बच्चन ने दुख जताया है। उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा कि ‘प्रतिभाशाली तबस्सुम, एक्टर, एंकर, टीवी होस्ट, ऑल राउंडर… का निधन हो गया। फूल खिलें हैं गुलशन गुलशन। वे सभी एक-एक कर हमें छोड़कर जा रहे हैं और यह समझ से परे है। आप केवल उनकी उपस्थिति और जीवन के समय को आंखों और दिमाग के सामने याद करते हैं और वे हमेशा समय की एक याद बने रहते हैं। अपरिवर्तित, मुक्त और स्वतंत्र की स्वतंत्रता में… और फिर वे चले जाते हैं। और फिर इसका हालचाल नहीं लिया जा सकता। लेकिन जीवन जारी रहता है। जीवन में हर वक्त , हर कुछ , हर दिन, हर जगह पूरा नहीं मिलता। यहां तक कि एक उचित नींद भी नहीं।’