संजय दत्त और पद्मिनी कोल्हापुरी फिल्म विधाता, बेकरार, कुर्बानी रंग लाएगी और दो दिलों की दास्तां जैसी फिल्मों में साथ काम कर चुके हैं। फिल्म विधाता की लॉन्च पार्टी के वक्त का एक किस्सा है जब संजय दत्त शराब के नशे में धुत होकर इस पार्टी में पहुंचे थे।
तब वहां मौजूद गेस्ट फिल्म के हीरो का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, लेकिन जब संजय दत्त आए तो पार्टी का सारा माहौल ही बदल गया था। ये पार्टी मुंबई के सी रॉक (Sea Rock) होटल में रखी गई थी। पार्टी में गेस्ट के रूप में सेलेब्स और बाकी लोग भी शामिल थे।
संजय का इंतजार करते-करते काफी वक्त गुजर चुका था। ऐसे में संजय दत्त अपने हिसाब से आए। जब संजय वेन्यू में पहुंचे तो लोगों को अहसास हुआ कि संजय दत्त नशे में धुत हैं। असल परेशानी तब शुरू हुई जब संजय दत्त के हाथ एक चाकू लग गया। इस बीच संजय दत्त उस चाकू को हाथ में लेकर फिल्म की एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरी के पास जा पहुंचीं।
पद्मिनी ने जब संजू को चाकू हाथ में लिए अपने करीब आते देखा तो वह बहुत डर गईं और जोर जोर से पार्टी में चिल्लाने लगीं। वह संजय को देख कर भागीं तो संजय भी उनके पीछे दौड़ने लगे। इस घटना से पूरी पार्टी का माहौल खराब हो गया। ऐसे में इस घटना की खबर हर अखबार में छप गई। जब यही खबर उड़ते हुए संजय दत्त के पिता सुनील दत्त के पास जा पहुंची तो वह आग बबूला हो गए। (गुलशन ग्रोवर की एक बात पर फिदा हो गए थे सुनील दत्त, बेटे संजय के साथ ‘रॉकी’ में कर लिया था कास्ट)
सुनील दत्त ने उस दिन ठान लिया था कि अब वो संजू का पक्का इलाज करेंगे। संजय उस दिन जब घर लौटे तो उनके पिता ने उन्हें काफी डांट लगाई। इसके बाद सुनील दत्त ने फैसला लिया कि संजय दत्त को वह अमेरिका में एक Rehab Centre भेज देंगे। इसके बाद संजय दत्त को अगले ही दिन सुनील दत्त ने अमेरिका के लिए रवाना कर दिया। इसके बाद संजय दत्त अमेरिका से नॉर्मल होकर लौटे थे।
संजय दत्त ने फिल्म रॉकी से अपने करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म को लेकर संजय दत्त की फैमिली बहुत एक्साइटेड थी। लेकिन संजय दत्त की इस फिल्म की रिलीज से पहले ही मां नरगिस दत्त की मौत हो गई थी।