नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी आज श्रेष्ठ अभिनेताओं में शामिल हैं। उन्होंने इंडस्ट्री में बने बनाए हीरो के इमेज को तोड़ा है और यह साबित किया है कि एक्टिंग के दम पर बेहद सामान्य सा दिखने वाला व्यक्ति भी बड़ा अभिनेता बन सकता है। नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी के अभिनय पर सवाल उठाना बिल्कुल असंभव सी बात है लेकिन एक बार ऋषि कपूर ने गुस्से में कह दिया था कि नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को एक्टर किसने बना दिया।

दरअसल इस पूरे विवाद की शुरुआत वहां से हुई जब नवाज़ ने एक इंटरव्यू में कह दिया था कि फिल्मों में डांस करना बहुत आसान होता है, हीरो टाइप की एक्टिंग बहुत आसान काम है। उनकी इस टिप्पणी पर मीडियाकर्मियों ने जब ऋषि कपूर ने उनका पक्ष जानना चाहा तो वो नवाज़ पर बेहद नाराज़ हुए थे।

नवाज़ ने रजत शर्मा के शो आपकी अदालत में इस मामले में अपनी सफाई दी थी। रजत शर्मा ने उनसे सवाल पूछा था, ‘ऋषि कपूर नाराज़ हो गए थे, आपने कुछ ऐसा कमेंट कर दिया। उन्होंने कहा कि इसका न फेस है, न हाइट है, न आवाज है, न टैलेंट है, पता नहीं किसने एक्टर बना दिया इसे। क्या कहा था आपने?’

 

जवाब में नवाज़ ने कहा, ‘किसी इंटरव्यू में मैंने बोल दिया होगा कि डांस करना बहुत आसान होता है, हालांकि मेरे लिए बहुत मुश्किल है। या हीरो टाइप की एक्टिंग करना आसान होता है क्योंकि वर्षों से हम एक ही तरह की एक्टिंग देखते आ रहे हैं। बहुत सारे लोगों के लिए बहुत आसान होता है ऐसी एक्टिंग। मैंने किसी दुसरे सेंस में बोला और किसी ने उनका इंटरव्यू ले लिया। हालांकि बाद में हम दोनों की बात हुई, ऐसा कुछ भी दोनों के दिमाग में नहीं था। हमने ‘मंटो’ में साथ काम भी किया।’

नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी आज भले ही एक बड़े मुकाम पर पहुंच गए हो, लेकिन एक वक्त ऐसा था जब वो अपने गांव जाने से भी कतराने लगे थे। उन दिनों उन्हें फिल्मों में छोटे रोल मिलते थे जिनमें अक्सर उन्हें पिटना होता था। इसके बाद जब वो गांव जाते थे उन्हें कहा जाता कि ऐसी शक्ल लेकर कोई एक्टर नहीं बन सकता। पिटकर गांव आ जाते हो शर्म नहीं आती।

 

नवाज़ ये ताने सुनकर तंग आ गए थे और उन्होंने फैसला किया था कि जब उन्हें कोई बड़ी फिल्म मिलेगी तब ही वो गांव जाएंगे। इसके बाद जब उन्हें गैंग्स ऑफ वासेपुर में काम मिला तो जैसे उनकी किस्मत खुल गई। अनुराग कश्यप की इस फ़िल्म ने उन्हें जबरदस्त सफलता दिलाई।