बॉलीवुड गीतकार जावेद अख्तर अक्सर सेक्युलरिज्म और अल्पसंख्यों का मुद्दा उठाते दिखाई पड़ते हैं। ऐसा ही एक मौका तब आया था जब उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से अल्पसंख्यकों को लेकर सवाल किया था। एक इंटरव्यू के दौरान जावेद अख्तर ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का हवाला देते हुए दिवंगत राजनेता वाजपेयी से पूछा था, ‘क्या अल्पसंख्यकों को लेकर आपके और आडवाणी जी के विचार एक हैं या अलग-अलग हैं? और ऐसा है तो क्यों हैं?

जावेद अख़्तर के इस सवाल का जवाब देते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि ‘हमारी पार्टी के सभी नेताओं की राय अल्पसंख्यकों को लेकर एक जैसी ही है, किसी की राय में तनिक भी अंतर नहीं है। आगे उन्होंने कहा था कि हमारी पार्टी के दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं। और यह दरवाजा इसलिए नहीं खोला गया है कि किसी खास समुदाय को रोका जाए, बल्कि इसलिए खोला गया है क्योंकि हमारी पार्टी ईमानदारी से चाहती है कि मुसलमान पार्टी में आए। वाजपेयी ने यह भी कहा था कि हम लोगों ने ना सिर्फ मुसलमानों के लिए पार्टी के दरवाजे खोलकर रखे हैं, बल्कि दिल के दरवाजे भी खोले हैं।

तब वाजपेयी ने कहा था- भारत सेक्युलर है और रहेगा: वाल्ड फिल्म्स इंडिया के इस इंटरव्यू के दौरान पूर्व पीएम वाजपेयी ने कहा था कि अल्पसंख्यकों के बारे में हमारी पार्टी की राय बिल्कुल दो टूक राय है, क्योंकि वो इसी देश के नागरिक हैं। अल्पसंख्यक ना सिर्फ यहां के नागरिक हैं बल्कि औरों की तरह उनका हक और जिम्मेदारियां भी बराबर ही हैं। भारत में मजहब के आधार पर ना पहले कभी भेदभाव हुआ था और ना ही आगे कभी भेदभाव होगा।

तब वाजपेयी ने यह भी कहा था कि हमारी पार्टी पहले भी कई बार कह चुकी है कि हिन्दुस्तान एक सेक्युलर स्टेट था, है और हमेशा रहेगा। इसलिए मुसलमानों को इस बात से डरने की आवश्यकता नहीं है लेकिन विरोधियों ने मुस्लिमों के मन में अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर डर का वातावरण तैयार करने का काम किया है। हालांकि विरोधियों का यह खेल ज्यादा दिन नहीं चलेगा।

इसी इंटरव्यू के दौरान जावेद अख़्तर ने अटल बिहारी वाजपेयी से कहा था कि चूंकि यह आम धारणा है कि अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर आप लालकृष्ण आडवाणी से ज्यादा सहिष्णु और उदार हैं। इसी वजह से यह प्रश्न किया गया। इसपर वाजपेयी जी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया था कि आपने सवाल पूछकर अच्छा किया और मुझे लगता है अब लोगों को हमारी पार्टी के नेताओं, आडवाणी और मेरे अल्पसंख्यकों संबंधी मुद्दे पर कोई गलतफहमी नहीं रह जाएगी।


अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरते हैं विपक्षी: आपको बता दें कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल अक्सर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर ही घेरते नजर आते हैं और उन्हें नजरअंदाज करने का आरोप भी लगाते हैं। असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM जैसी पार्टियां मोदी सरकार पर मुसलमानों के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त होने का आरोप भी लगाती हैं। सीएए और एनआरसी जैसे मुद्दों के बीच ऐसे आरोप और मुखर हुए हैं।


फारुक अब्दुल्ला ने की वाजपेयी की तारीफ: अल्पसंख्यकों के मसले पर बीजेपी की आलोचना करने वालों में जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला भी शामिल हैं। हालांकि हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ करते हुए कहा था, ‘वे (वाजपेयी) देवता आदमी थे। भले ही आरएसएस से जुड़े थे लेकिन उनका मानना था कि भारत सबका है। किसी के साथ भेदभाव नहीं करते थे।