बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कई हिंदी फिल्मों में काम किया और अपने शानदार अभिनय से हर किसी को दीवाना बनाया। उन्होंने अपनी मंझी हुई अदाकारी से हर किरदार को पर्दे पर इतने अद्भुत तरीके से पेश किया कि दर्शक देखते ही रह गए। प्रोफेशनल लाइफ के अलावा अभिनेता अपने बेबाक अंदाज के लिए भी जाने जाते हैं। वह देश-विदेश से जुड़े मुद्दे पर कई बार अपनी राय देते हुए नजर आते हैं, जिसके बाद कई बार कंट्रोवर्सी भी हो जाती है।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जन्मे यही नसीरुद्दीन शाह आज 20 जुलाई को अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं। ऐसे में चलिए इस खास दिन पर आपको एक्टर की लाइफ से जुड़ा एक ऐसा किस्सा बताते हैं, जिस खुद उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘एंड देन वन डे’ में शेयर किया था, जो साल 2014 में लॉन्च की गई थी।

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दोस्त ने किया था नसीरुद्दीन पर चाकू से वार

अपनी इसी ऑटोबायोग्राफी में एक्टर ने बताया था कि उनके दोस्त और को-एक्टर ने एक बार उन पर चाकू से हमला कर दिया था। उस समय वह दिवंगत अभिनेता ओम पुरी के साथ थे और उन्होंने ही नसीर की जान बचाई थी। ये किस्सा साल 1977 के समय का है, जब अभिनेता ‘भूमिका’ की शूटिंग कर रहे थे। उस समय नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी एक रेस्टोरेंट में बैठकर डिनर कर रहे थे, तभी उनके दोस्त और को-एक्टर जसपाल वहां आए।

हालांकि, उस समय जसपाल और नसीरुद्दीन शाह के बीच संबंध अच्छे नहीं थे और न ही दोनों एक-दूसरे से बात करते थे। इसी किस्से को उन्होंने अपनी बुक में भी बताया और लिखा, “हमने एक दूसरे को अनदेखा किया, लेकिन उसकी आंखें मुझ पर ही थीं। वह दूसरी टेबल पर बैठने के लिए मेरे पीछे से निकला, लेकिन थोड़ी देर बाद मेरी पीठ के बीच में तेज से कुछ चुभा और मुझे याद आया कि वह मेरे पीछे था।

मैंने उठने की कोशिश की, लेकिन मैं हिल पाता उससे पहले ही ओम ने दबी हुई चीख के साथ मेरे पीछे किसी चीज की तरफ देखा। फिर मैंने मुड़कर देखा कि जसपाल के हाथ में एक चाकू था, जिसकी नोक से खून टपक रहा था, वह यहीं नहीं रुका, उसका हाथ फिर से मेरे पर वार करने के लिए उठा, लेकिन तभी ओम और दो अन्य लोगों ने उसे काबू में करने की कोशिश कर रहे थे।”

अस्पताल ले गए ओम पुरी

नसीरुद्दीन शाह ने आगे बताया, “ फिर ओम ने मुझे बताया कि जसपाल को रसोई में ले जाया गया और उसका इलाज किया जा रहा है। वह मुझे डॉक्टर के पास ले जाना चाहते थे, लेकिन रेस्टोरेंट के स्टाफ ने पुलिस के आने तक कहीं भी जाने से मना किया था। फिर जब एंबुलेंस आई, तो ओम ने बिना अनुमति के चढ़ने की गलती की। यहां तक कि उसने पुलिस को मेरे साथ नरम होने के लिए कहा। हालांकि, पुलिस ने उसे उतरने को कहा और फिर काफी मिन्नत करने के बाद उसे एंबुलेंस में रुकने की अनुमति मिली। हममें से किसी को भी अंदाजा नहीं था कि हम कहां जा रहे हैं, लेकिन मैंने प्रार्थना की कि पुलिस स्टेशन न हो।”

इसके बाद एक्टर को पहले कूपर अस्पताल ले जाया गया और उसके बाद जसलोक अस्पताल। फिर अस्पताल में उन्हें पता चला कि जसपाल को पुलिस ने गिरफ्तार तो किया, लेकिन उसे बेल पर रिहा भी कर दिया गया और ये सब फिल्ममेकर सईद अख्तर मिर्जा ने किया।

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