विवेक ओबेरॉय ने 2000 के दशक की शुरुआत में फिल्मों में अपना सफर शुरू किया था और आज वो एक्टर होने के साथ-साथ एक बड़े बिजनेसमैन भी हैं। भले ही उन्होंने फिल्मों में काम करते हुए खूब पैसा ना कमाया हो, लेकिन बिजनेसमैन बनने के बाद आज उनकी कुल संपत्ति काफी ज्यादा हो गई है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार उनकी संपत्ति 1200 करोड़ रुपये हो गई है। विवेक ओबेरॉय अब दुबई में रहते हैं और वहीं से अपनी रियल एस्टेट कंपनी चलाते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में विवेक ने बताया कि वो दुबई क्यों और कब गए।

विवेक ओबेरॉय ना केवल दुबई में रह रहे हैं, बल्कि वहां के बड़े बिजनेसमैन भी बन चुके हैं। वो वहां लैब ग्रोन डायमंड ब्रैंड चलाते हैं। वो सॉलिटेरियो नाम की डायमंड कंपनी के सह-संस्थापक हैं। सॉलिटेरियो दुबई के बुर्ज खलीफा पर प्रदर्शित होने वाले पहले भारतीय ब्रांडों में से एक है।

यूट्यूब चैनल Owais Andrabi को दिए इंटरव्यू में विवेक ओबेरॉय ने बताया कि वो पहली बार कोविड-19 के वक्त कुछ समय के लिए देश से बाहर चले गए थे, लेकिन जल्द ही उनके परिवार ने हमेशा के लिए वहीं रहने का फैसला कर लिया। उन्होंने बताया कि उनकी फैमिली ने वोटिंग की और फिर फैसला लिया कि वो लोग दुबई में ही रहेंगे।

विवेक ने दुबई को अपना दूसरा घर बताया है। उन्होंने कहा, “मैं शुरू में कोविड के दौरान यहां आया था। ये एक शॉर्ट टर्म मूव था और मुझे ये अनुभव बहुत पसंद आया। मैंने अपने परिवार से पूछा और लोकतांत्रिक तरीके से परिवार ने यहां रहने के लिए मतदान किया। उन्होंने कहा, ‘हमें यहां अच्छा लगता है, हम यहां रहना चाहेंगे। ये घर के इतने करीब है कि हमें ऐसा नहीं लगता कि हम दूर हैं।’ हम वीकेंड के लिए घर जाते हैं, हर छुट्टी पर घर जाते हैं और अब धीरे-धीरे, पिछले 4 सालों में ये घर जैसा लगने लगा है।”

विवेक ने की दुबई की तारीफ

विवेक ने दुबई के पॉजिटिव माहौल के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “आपको पूरी आजादी है। बस लोकल कानून का सम्मान करें, स्थानीय रीति-रिवाजों और संस्कृति का सम्मान करें, स्थानीय लोगों का सम्मान करें और आपको कोई समस्या नहीं होगी। ये एक रामदायक जगह है जहां आप फल-फूल सकते हैं।”

फॉर्च्यून इंडिया के साथ पहले की बातचीत में, विवेक ने बताया कि यूएई में उनकी लग्जरी रियल एस्टेट कंपनी करीब 7 बिलियन डॉलर की संपत्ति विकसित कर रही है और उन्होंने बताया कि ये एक जीरो-डेट (शून्य-ऋण) कंपनी है। उसी बातचीत में, विवेक ने खुलासा किया कि उन्होंने लैब ग्रोन डायमंड के बिजनेस, सोलिटेरियो में निवेश किया है और बताया कि कंपनी ने पिछले वित्तीय वर्ष में 95-100 करोड़ रुपये कमाए हैं। उन्होंने 30 मिलियन पाउंड मूल्य के एक प्रीमियम जिन ब्रांड में भी निवेश किया है, जहां उनके पास कारोबार का लगभग 21 प्रतिशत हिस्सा है।

इससे पहले, फ्रैंचाइज इंडिया के यूट्यूब चैनल पर विवेक ने कहा कि वो एक ऐसे व्यवसाय का भी हिस्सा हैं जो स्टूडेंट्स को फाइनेंस करता है, जिसकी कीमत 3,400 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा, “मैंने एक स्टार्ट-अप शुरू किया जो फीस फाइनैंसिंग, “नॉन-कोलैटरलाइज्ड” था। ये बहुत बड़ा हो गया। हम B2B नेटवर्क के माध्यम से 12,000 स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों तक पहुँचे। लेकिन फिर हम ग्राहक से जुड़े, और उस डेटा पर अपना स्वामित्व स्थापित किया। हम अपने ग्राहकों को सीधे जान पाए, जो 45 लाख व्यक्ति थे जो स्कूल या कॉलेज जा रहे थे। यह बहुत समृद्ध डेटा था, और इस तरह कंपनी का मूल्य लगभग $400 मिलियन (लगभग 3,400 करोड़ रुपये) था।”

बता दें कि विवेक दुबई में जो भी बिजनेस चलाते हैं, उन सब ने पिछले साल मिलकर एक बिलियर डॉलर से ज्यादा कमाया है। एक बिलियन डॉलर के हिसाब से ये इंडियन करंसी में 8500 करोड़ है। वो कहते हैं कि ये कोई छोटा अमाउंट नहीं है। लेकिन असली बात ये है कि इसे सही दिशा में इन्वेस्ट कैसे करें और ग्रोथ को कैसे सुरक्षित रखें। विवेक कहते हैं कि इसमें कहीं ना कहीं सिलिकॉन वैली की सोच और मारवाड़ी माइंडसेट का मेल जरूरी है।