Vikrant Massey Birthday: पंकज त्रिपाठी और अली फजल की पॉपुलर वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ के बबलू पंडित आपको याद हैं? इस रोल को भी काफी पसंद किया गया था। इसे विक्रांत मैसी ने प्ले किया था। सीरीज में बबलू पंडित का रोल शांत स्वभाव और तेज तर्रार दिमाग वाला था। हालांकि, इसमें इस किरदार का खात्मा जल्द ही हो गया था लेकिन, विक्रांत मैसी इस छोटे से किरदार से स्क्रीन पर छाप छोड़ने में सफल रहे। वह टीवी से लेकर ओटीटी और बड़े पर्दे पर अपना कमाल का अभिनय दिखा जा चुके हैं। आज वो भले ही एक सफल अभिनेता बन चुके हैं और अच्छा खासा उनके पास स्टारडम है लेकिन, एक समय था जब उनके पास कॉफी पीने के लिए 30 रुपए तक नहीं थे। वह कॉफी शॉप में काम करते थे। चलिए बताते हैं उनके स्ट्रगल के बारे में…

टीवी सीरियल ‘बालिका वधू’ से घर-घर में पॉपुलर हुए एक्टर विक्रांत मैसी आज 38 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 3 अप्रैल 1987 को हुआ था। उन्होंने फिल्मों और ओटीटी पर आने से पहले टीवी में लंबा वक्त बिताया है। घर-घर में पॉपुलर होने के बाद एक्टर ने फिल्मों में कदम रखा लेकिन, यहां पर सफलता हासिल करने के लिए उन्हें थोड़ा वक्त बिताना पड़ा। विक्रांत आज भले ही एक पॉपुलर एक्टर हैं और सफलता के सितारे बुलंदियों पर है लेकिन, एक समय था जब उनके पास 30 रुपए कॉफी पीने तक के लिए पैसे नहीं होते थे। वो कॉफी शॉप में सैलेरी और टिप से 800 रुपए कमाते थे।

विक्रांत मैसी का बचपन बेहद गरीबी में बीता था। जब उनके पिता की सैलरी आती थी तो महीने के पहले 15 दिन सब कुछ ठीक रहता था लेकिन, 16वें दिन से फिर से समझ नहीं आता था कि घर कैसे चलाया जाए। ऐसे में उन्होंने परिवार की मुश्किलों को देखकर ग्रैजुएश के दौरान ही डांस सीखना और सिखाना शुरू कर दिया था। वो सुबह पहले उठकर डांस क्लास बच्चों को डांस सीखाने जाते थे फइर मुंबई के वर्सोवा में एक कॉफी शॉप में भी काम किया करते थे।

कभी 800 रुपए कमाते थे विक्रांत मैसी

विक्रांत मैसी ने एक बार मुंबई मिरर से बात करते हुए कहा था कि वो कैफे में टेबल साफ करने का काम किया करता थे। उस समय उनके पास 30 रुपए कॉफी पीने के भी नहीं होते थे। एक्टर ने बताया था कि जिस महिला ने उन्हें काम पर रखा था उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर किसी को पता चला कि वह एक कम उम्र के लड़के हैं तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा। ये भी कहा था कि उन्हें बाल मजदूरी के आरोप में जेल भी भेजा जा सकता है। एक्टर ने उस वक्त भरोसा दिलाया था कि ऐसा कुछ नहीं होगा। उस वक्त हालात काफी खराब थे। विक्रांत ने बताया था कि उन्हें टिप और तनख्वाह के साथ लगभग 800 रुपए मिल जाते थे, जो ज्यादातर आने-जाने में खर्च हो जाते थे।

विरासत में मिला था एक्टिंग का हुनर

विक्रांत मैसी को एक्टिंग हुनर विरासत में मिला था। उनके दादा रविकांत मैसी थिएटर आर्टिस्ट और फिल्मों में कैरेक्टर आर्टिस्ट थे। उन्हें पूर्व राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद से दो बार ऑल इंडिया ड्रामेटिक कॉम्पिटिशन में स्वर्ण पदक भी मिला था। वो दिलीप कुमार और देवानंद जैसे बड़े कलाकारों के साथ फ्लम ‘नया दौर’ और ‘गाइड’ जैसी फिल्मों में काम किया था। इस लिहाज एक्टिंग का हुनर तो उनके खून में था। बस थोड़ा स्ट्रगल करना पड़ा। विक्रांत मैसी बताते हैं कि कॉफी शॉप में काम करने के उनके दो उद्देश्य थे। पहला कि आर्थिक तंगी को दूर करना और दूसरा उस शॉप में फिल्म लाइन के बहुत से सितारे आते थे।

16 की उम्र में मिला था टीवी सीरियल, वॉशरूम के बाहर मिला था पहला ब्रेक

विक्रांत मैसी को पहली बार काम करने का मौका 16 साल की उम्र में मिला था। उन्हें पहला ब्रेक टीवी से मिला था और करीब 2 साल काम करने के बाद उन्होंने कॉफी शॉप में काम करना छोड़ दिया। हालांकि, एक्टर का पहला टीवी सीरियल कभी टेलीकास्ट नहीं हुआ। लेकिन, यहां से उनकी किस्मत के दरवाजे खुल गए। एक बार वो वॉशरूम की लाइन में लगे थे और तभी वहां पर एक महिला ने उन्हें एक्टिंग के लिए पूछा और ऑफिस बुलाया। उन्होंने ऑफर को स्वीकार किया और आगे बढ़ गए। फिर उनका डेब्यू शो ‘धूम मचाओ धूम’ टेलीकास्ट हुआ, जिसके लिए उन्हें हर एपिसोड के 6 हजार रुपए मिले थे। हालांकि, टीवी पर वो ‘बालिक वधू’ से पॉपुलर हुए थे।

टीवी के बाद फिल्मों किया डेब्यू

विक्रांत मैसी ने टीवी पर नाम कमाने के बाद फिल्मों का रुख किया लेकिन, यहां भी सफर आसान नहीं रहा। यहां उन्हें बड़ी पापड़ बेलनी पड़ी। वो कई टीवी शोज में काम कर रहे थे और इसके लिए उन्हें 35 लाख रुपए मिल रहे थे, जिसे छोड़कर उन्होंने फिल्मों में आने का फैसला किया। यहां ऑडिशन दिए लेकिन, बात नहीं बन पा रही थी। जमा पूंजी खत्म हो गई थी। आलम ये हो गया था कि वाइफ शीतल से उन्हें ऑडिशन देने जाने के लिए पैसे लेने पड़ते थे। फिर वो मौका भी हाथ लगा 2013 में जब फिल्म ‘लुटेरा’ में काम करने का मौका मिला। इससे उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया। पहली फिल्म के बाद एक्टर की लाइफ में फिर से काम का आकाल पड़ गया था और उन्हें मजबूरन टीवी का रुख करना पड़ा था।

ओटीटी से मिले नेम और फेम

इसके बाद विक्रांत मैसी को ओटीटी पर काम करने का मौका मिला और इससे उनकी किस्मत चल पड़ी। स्क्रीन पर उन्हें उनके अभिनय के लिए पसंद किया गया। वो साल 2018 में आई प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ‘मिर्जापुर’ में नजर आए थे। इसमें उनका बबलू पंडित का किरदार काफी सराहा गया था। सीरीज के पहले सीजन तक ही उनका रोल सीमित रहा लेकिन, वो अपने अभिनय की छाप छोड़ चुके थे। इसके बाद बड़े पर्दे पर 2020 में दीपिका पादुकोण के साथ ‘छपाक’ में नजर आए और इससे काफी लाइमलाइट बटोरी।

’12वीं फेल’ बनी टर्निंग प्वॉइंट

विक्रांत मैसी ने अपने करियर में कभी भी हार नहीं मानी और फिल्मों में काम करना बंद नहीं किया। उनकी किस्मत का दरवाजा पूरी तरह से तब खुल गया जब उनके हाथ आईपीएस मनोज कुमार की बायोपिक ’12वीं फेल’ लगी। इसमें उनकी भूमिका इतनी दमदार थी कि छोटे बजट की इस फिल्म ना केवल कमर्शियली हिट रही बल्कि क्रिटिक्स की ओर से भी पॉजिटिव रिस्पांस मिला था। ये फिल्म उनके करियर का टर्निंग प्वॉइंट रही।

बहरहाल, अब अगर विक्रांत मैसी की अपकमिंग फिल्मों की बात की जाए तो उनकी पाइपलाइन में कई प्रोजेक्ट्स हैं। इसमें ‘आंखों की गुस्ताखियां’, ‘अर्जुन उस्तरा’, ‘यार जिगरी’ और ‘टीएमई’ में नजर आने वाले हैं। वहीं, चर्चा ये भी है कि वो ‘डॉन 3’ में भी नजर आ सकते हैं। हालांकि, इसे लेकर कोई ऑफिशियल ऐलान नहीं किया गया है।

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