बॉलीवुड के दिग्गज फिल्ममेकर विक्रम भट्ट का नाम इस समय विवादों में बना हुआ है। दरअसल, फिल्ममेकर, उनकी वाइफ श्वेतांबरी भट्ट और 8 अन्य लोगों पर आरोप है कि उन्होंने उदयपुर के एक डॉक्टर से करीब 30 करोड़ रुपये की ठगी की, जिसके बाद अब भूपालपुरा पुलिस ने सभी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

शिकायत के अनुसार, सभी आरोपियों ने डॉक्टर को फिल्मों में पैसा लगाने के लिए कहा और 200 करोड़ रुपये लौटाने का वादा किया। वहीं, अब इस मामले में फिल्म निर्माता का रिएक्शन भी सामने आ गया है और उन्होंने सभी आरोपों से इनकार किया। विक्रम भट्ट ने कहा है कि पुलिस को गुमराह किया जा रहा है।

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एफआईआर में कही गई ये बात

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, डॉ. अजय मुर्डिया द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में बताया कि विक्रम से उनका परिचय दिनेश कटारिया नाम के एक स्थानीय व्यक्ति ने कराया था और यह मुलाकात एक म्यूजिक ग्रुप के जरिए हुई, जो खुद को बॉलीवुड से जुड़ा बताता था।

अजय की मुलाकात विक्रम से अप्रैल 2024 में मुंबई के एक स्टूडियो में हुई थी और उनके बीच एक समझौता हुआ था, जिसके अनुसार विक्रम अपनी दिवंगत पत्नी पर आधारित बायोपिक सहित कई फिल्मों में निवेश करेंगे और विक्रम पूरी फिल्म बनाने की जिम्मेदारी संभालेंगे। एफआईआर में डॉ. अजय ने विक्रम और श्वेतांबरी भट्ट की बेटी कृष्णा भट्ट को भी आरोपी बनाया है। मामले की जांच अभी चल रही है।

वहीं, उदयपुर के एसपी योगेश गोयल ने एएनआई को बताया कि शिकायतकर्ता ने विक्रम भट्ट की कंपनी को एक निश्चित राशि का भुगतान किया था और चार फिल्मों के निर्माण का अनुबंध किया था। इसके बावजूद प्रोडक्शन हाउस ने अपना वादा पूरा नहीं किया। हालांकि, दो फिल्में बनीं, लेकिन उनका श्रेय स्पष्ट रूप से सही नहीं दिया गया। इस बीच सबसे ज्यादा बजट वाली तीसरी फिल्म का निर्माण कभी शुरू ही नहीं हुआ।

विक्रम भट्ट ने दी सफाई

अब इन सभी आरोपों पर विक्रम भट्ट ने भी सफाई दी है। उन्होंने सभी दावों को खारिज करते हुए कहा कि अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। विक्रम ने एएनआई से कहा, “उन्होंने कहा कि 200 करोड़ रुपये के लालच में मैंने 30 करोड़ रुपये का घोटाला किया। अगर उन्होंने पुलिस को यह बताया है, तो जरूर उनके पास कुछ दस्तावेज और कागज होंगे। वरना पुलिस ऐसे ही मामला दर्ज नहीं करती। अगर ऐसा है, तो वे दस्तावेज फर्जी हैं। ऐसा हो ही नहीं सकता।”

विक्रम ने आगे कहा, “मैंने एफआईआर (जो उनके अनुसार उनके एक पत्रकार मित्र ने उन्हें भेजी थी) में पढ़ी है और उसमें लिखा है कि वे इस इंडस्ट्री से नहीं हैं और फिल्म इंडस्ट्री का काम नहीं जानते। तो मैं पूछना चाहता हूं कि अगर ऐसा था, तो फिर उन्होंने मुझे छोड़कर इतनी सारी फिल्में क्यों शुरू कर दीं?”

विक्रम ने आगे कहा, “वे इतनी सारी फिल्में बना रहे हैं। मुझे लगता है कि जिन बजटों की मैंने बात की थी, मैं अपनी फिल्में ग्रीन स्क्रीन पर शूट करता था, लेकिन वे असली लोकेशन पर शूट चाहते थे। इससे बजट बढ़ जाता। हम लोग ‘तुमको मेरी कसम’ फिल्म के प्रीमियर के लिए उदयपुर गए थे। यह रविवार की बात है और फिल्म शुक्रवार को रिलीज हुई थी। फिर मुझे पता चला कि उनका आईपीओ आने वाला है और SEBI के नियमों के अनुसार, IPO के दौरान आप कोई ऐसी फिल्म रिलीज नहीं कर सकते जो व्यक्तिगत प्रमोशन जैसी लगे। इसलिए उन्होंने अपना IPO आगे बढ़ा दिया।

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इसके बाद हम ‘विराट’ नाम की फिल्म बना रहे थे। वह अच्छा चल रही थी। अब अगर मैंने उन्हें बेवकूफ बनाया होता, तो वे मेरे साथ तीसरी फिल्म क्यों बनाते और इसी ‘विराट’ फिल्म को उन्होंने बीच में ही रोक दिया। मुझे शक है कि उन्होंने इसे इसलिए रोका, क्योंकि वे फिर से IPO के लिए आवेदन कर रहे थे। शायद वे फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ना ही नहीं चाहते थ, लेकिन दिक्कत यह है कि उन्होंने मेरे वर्कर्स को पैसे भी नहीं दिए और जो भी मैं बता रहा हूं उसके सारे सबूत मेरे पास ईमेल और कॉन्ट्रैक्ट्स में मौजूद हैं।”