कानपुर में CO समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे की तलाश में यूपी समेत कई राज्यों की पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही हैं। हालांकि घटना के 5 दिन बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ कुछ ठोस नहीं लगा है। सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं और इस बहाने 90 के दशक में उत्तर प्रदेश में अपराध का पर्याय रहे श्रीप्रकाश शुक्ला का भी जिक्र किया जा रहा है।
कौन था श्रीप्रकाश शुक्ला? श्रीप्रकाश शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का रहने वाला था। साल 1993 में बहन के साथ हुई छेड़खानी का बदला लेने के लिए उसने जरायम की दुनिया में कदम रखा और फिर धीरे-धीरे इस दलदल में धंसता चला गया। उस समय श्रीप्रकाश की उम्र सिर्फ 20 साल थी। इस बीच श्रीप्रकाश पर राजनीतिक वरदहस्त की छाया भी पड़ने लगी।
साल 1997 में श्रीप्रकाश ने महाराजगंज के लक्ष्मीपुर से विधायक वीरेंद्र शाही को लखनऊ में गोलियों से भून डाला। यह मामला अभी थमा भी नहीं था कि साल भर बाद ही जून 1998 में श्रीप्रकाश ने बिहार के बाहुबली मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की दिनदहाड़े हत्या कर दी। इसके बाद श्रीप्रकाश उत्तर प्रदेश समेत पड़ोसी राज्यों में भी खौफ का पर्याय बन गया।
25 की उम्र में ले ली सीएम की सुपारी : उधर, बिहार में बृज बिहारी प्रसाद की हत्या से हड़कंप मचा था कि इधर उत्तर प्रदेश पुलिस को एक ऐसी खबर मिली जिसे सुनकर सबके हाथ पांव फूल गए। खबर आई की श्रीप्रकाश ने उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को मारने की सुपारी ले ली है। दावा किया गया कि सुपारी की रकम 6 करोड़ है, जो उस समय बहुत बड़ी बात हुआ करती थी। सीएम की सुपारी लेने की खबर सुनकर उत्तर प्रदेश पुलिस और एसटीएफ (STF), जो उस वक्त खासतौर से श्रीप्रकाश शुक्ला की गिरफ्तारी के लिए ही बनी थी, उसके पीछे हाथ धोकर पड़ गई है।
चेहरा श्रीप्रकाश का और सिर से नीचे का हिस्सा सुनील शेट्टी का: श्रीप्रकाश की तलाश में जुटी पुलिस और एसटीएफ के सामने एक बहुत बड़ी मुश्किल थी। वो मुश्किल यह थी कि पुलिस के पास शिव प्रकाश शुक्ला कि ना तो कोई तस्वीर थी और ना ही उससे कोई वाकिफ था। हालांकि इसी दौरान उसकी एक तस्वीर मीडिया में सर्कुलेट की गई। लेकिन इसमें भी एक ट्विस्ट था। जो तस्वीर सर्कुलेट की गए थी, उसमें चेहरा तो श्रीप्रकाश का था, लेकिन नीचे का हिस्सा बॉलीवुड एक्टर सुनील शेट्टी का जोड़ा गया था।
दरअसल, श्रीप्रकाश को गिरफ्तार करने के क्रम में पुलिस ने उसके बहनोई के घर भी दबिश दी और इसी दौरान उसकी एक तस्वीर हाथ लग गई। हालांकि इसमें उसका सिर ही नजर आ रहा था। श्रीप्रकाश की तस्वीर को तमाम बॉलीवुड एक्टर्स के पोस्टकार्ड के सामने रखा गया और उसका हुलिया सुनील शेट्टी से मैच कर गया। फिर उसकी तस्वीर तैयार की गई, जिसमें चेहरा तो उसका था लेकिन सिर से नीचे का हिस्सा सुनील शेट्टी का यूज़ किया गया।
गर्लफ्रेंड से मिलने आ रहा था जब एनकाउंटर हुआ: एसटीएफ़ श्रीप्रकाश शुक्ला की तलाश में जगह-जगह दबिश दे ही रही थी कि उसे खबर मिली कि वह दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में रहता है। श्रीप्रकाश के फोन की टैपिंग शुरू हुई और आखिरकार पुलिस उस तक पहुंच ही गई। तारीख थी 22 सितंबर 1998। श्रीप्रकाश शुक्ला अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने गाजियाबाद आ रहा था।
एसटीएफ और पुलिस दिल्ली-गाजियाबाद स्टेट हाईवे पर मुस्तैद हो गई। पुलिस से सामना होने पर श्रीप्रकाश हाईवे से नीचे उतर गया। पुलिस भी पीछा करती रही और हाईवे से एक किलोमीटर दूर (यह इलाका अब इंदिरापुरम कहलाता है) उससे मुठभेड़ शुरू हो गई। करीब 45 मिनट चली मुठभेड़ में 20 से अधिक हत्याएं कर आतंक का पर्याय बने श्रीप्रकाश शुक्ला और उसके साथियों को मार गिराया गया।