लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को करीब 5 महीने बाद जमानत मिल गई। उनकी जमानत पर जहां किसान संगठनों ने आपत्ति जताते हुए दोबारा अपील करने की बात कही है तो वहीं, सोशल मीडिया पर भी लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है। जिसमें अभिनेत्री स्वरा भास्कर भी शामिल हैं।

स्वरा भास्कर ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा मामले में आशीष मिश्र को जमानत देने से जुड़ी एक खबर साझा करते हुए लिखा, ‘सिद्दीक कप्पन…उमर खालिद…कहीं और हैं’।

स्वरा भास्कर के इस ट्वीट के बाद तमाम यूजर्स ने उनकी खिंचाई शुरू कर दी और ट्रोल करने लगे। कमल मुटड़ेजा नाम के एक यूजर ने स्वरा के ट्वीट पर रीट्वीट करते हुए लिखा है ‘मतलब आप डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के लिखे हुए संविधान पर चल रही न्याय व्यवस्था पर उंगली उठा रही हैं’। पंकज नाम के दूसरे यूजर ने लिखा है ‘आप सभी कोर्ट पर तभी भरोसा करते हैं, जब फैसला आपकी पसंद का हो। संविधान और उसकी संस्थाओं में चयनात्मक विश्वास’।

वहीं रिंकू नाम के यूजर ने कहा ‘लड़का शाहरुख खान का हो तो जमानत मिलना उसका अधिकार है। लड़का बीजेपी नेता का हो तो जमानत मिल कैसे गई। केस भी चलाने की जरूरत नहीं। उसे बस टांग दो। ऐसे काम करता है इकोसिस्टम’। उधर मनोज सिंह नाम के यूजर ने कहा ‘आपको उनके वकीलों पर खर्च करना चाहिए था, क्योंकि इस देश में एक कानूनी व्यवस्था है। कृपया सभी दिशा निर्देशों का पालन करें’।

इसी के साथ वरिष्ठ पत्रकार और फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने भी ट्वीट करते हुए लिखा है ‘किसानों को कुचलने वाले मोदी के मंत्री के बेटे को जमानत मिल गई है पर हाथरस गैंगरेप कवर करने जा रहे पत्रकार सिद्दीक़ी कप्पन एक साल से जेल में हैं’।

उधर लेखक जयराज सिंह ने ट्वीट कार लिखा है ‘दो भारत। जहां आशीष मिश्रा को मिली जमानत, उमर खालिद को नहीं’। दूसरी तरफ सोमनाथ नाम के यूजर ने स्वरा भास्कर से सवाल करते हुए पूछा ‘आप शाहरुख के बेटे को जमानत मिलने की बात क्यों नहीं कर सकती?

बता दें, पिछले साल तीन अक्टूबर को जिले के तिकुनिया इलाके में हिंसा हुई थी। इस हिंसा में चार किसानों और आठ लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्र और उनके साथ करीब 15-20 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। वहीं आशीष को नौ अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया गया था।

गौरतलब है इस घटना में भीड़ में लोगों के ऊपर जीप चढ़ गई थी, जिससे चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद उस दौरान भड़की हिंसा में दो भाजपा समर्थकों, एक एसयूवी चालक और एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी।