भारत में बढ़ते कोरोनावायरस संक्रमण की खबरों के बीच एक अच्छी खबर है। भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DGCI) ने रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित की जा रही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी- एस्ट्रा जेनेका और भारत बायोटेक की वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। स्वदेश में निर्मित इस वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी मिली है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि वो इस वैक्सीन को नहीं लगवाएंगे।

कांग्रेस नेता शशि थरूर और जयराम रमेश ने भी भारत बायोटेक की वैक्सीन को मंजूरी मिलने पर चिंता जताई है और कहा है कि ‘कोवैक्सीन’ (भारत बायोटेक की वैक्सीन) ने अभी फेज- 3 के ट्रायल पूरे नहीं किए हैं, ऐसे में मंजूरी देना चिंताजनक है। कुछ और लोग भी इस वैक्सीन पर अपनी चिंता जाहिर कर रहे हैं। इसी बात पर वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने अपने ट्विटर पर एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि देश में विकसित की गई वैक्सीन सस्ती और कारगर है।

रजत शर्मा ने ट्वीट किया, ‘अपने देश में बनी वैक्सीन कारगर है, सस्ती है और इसे स्टोर करना आसान है। ये नरेंद्र मोदी की नीति और हमारे वैज्ञानिकों की कुशलता का प्रतीक है। इस पर बेवजह शक करने वाले जान लें कि इस वैक्सीन की एडवांस बुकिंग 190 देशों ने करवाई है।’ उनके इस ट्वीट पर यूजर्स भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। लोग उन्हें ट्रोल भी खूब कर रहे हैं।

 

आजाद भारत नाम के यूज़र ने लिखा, ‘शुक्र है आपने ये नहीं कहा कि इसे मोदी जी ने अपने हाथों से बनाई है और इसमें उन्होंने बचपन में अपनी बनाई हुई चाय से बची हुई पत्ती मिलाई है। वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने तो बस उसे कॉपी किया है। वैसे आपने वैज्ञानिक और डॉक्टर तो बेमन से लिखा होगा, असल में तो सिर्फ मोदी जी ही हैं।’

शुभम केशरी लिखते हैं, ‘शर्मा जी इसमें प्रधानमंत्री का क्या योगदान? वैज्ञानिकों ने वैक्सीन खोजी! भारत में निजी कंपनियां इसका उत्पादन कर रही है तो बीच में मोदी जी कहां से आ गए?’ व्यू पॉइंट वाला ने ट्वीट किया, ‘मतलब लगभग पूरी दुनिया ने बुकिंग कर ली है, सर बुकिंग लिस्ट भी अपडेट कर दो।’ सनातनी ठाकुर ने लिखा, ‘उन्हें वैक्सीन से प्रॉब्लम नहीं है, उन्हें मोदीजी से प्रॉब्लम है।’