संगीत जगत के दिग्गज और टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार की मौत हिंदी सिनेमा के इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है। 12 अगस्त, 1997 को मुंबई के जितेश्वर महादेव मंदिर के बाहर दिनदहाड़े उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बाद में, अंडरवर्ल्ड के डॉन अब्दुल रऊफ उर्फ दाउद मर्चेंट को 2002 में उनकी हत्या का दोषी ठहराया गया था। मुंबई के पुलिस प्रमुख राकेश मारिया, गुलशन की हत्या से महीनों पहले ही इस मामले की जांच में शामिल थे।
राज शमानी के पॉडकास्ट में राकेश मारिया ने दावा किया कि उन्हें पता चल चुका था कि गुलशन कुमार की हत्या होने वाली है। इस केस के बारे में बात करते हुए राकेश मारिया ने कहा, “क्राइम ब्रांच में काम करते हुए और मुंबई बम धमाकों की जांच करते हुए, मैंने मुखबिरों का एक अच्छा नेटवर्क तैयार कर लिया था। तो, मुझे लगता है 22 अप्रैल, 1996 की देर रात मुझे एक फोन आया था। उस समय मोबाइल फोन नहीं थे, इसलिए मुझे लैंडलाइन पर फोन आया। मुखबिर ने मुझसे कहा, ‘सर, गुलशन कुमार का विकेट जाने वाला है।”
मारिया के मुताबिक मुखबिर ने उन्हें बताया था कि अबू सलेम गुलशन की हत्या की साजिश रच रहा है और जैसे ही वह रोजाना शिव मंदिर जाएगा, उसे गोली मार दी जाएगी। मारिया ने कहा, “रात के करीब 2-3 बजे होंगे। मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरी पत्नी ने मुझे कॉल के बाद बैठे देखा। और वह इन सब घटनाओं की आदी हो चुकी थी। उसने कहा, ‘तुम किसी को खबर क्यों नहीं देते?’ मैंने कहा, ‘हां, मैं बता दूंगा।'”
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महेश भट्ट को दी थी जानकारी
सुबह करीब साढ़े छह-सात बजे राकेश ने महेश भट्ट को फोन किया, जिन्होंने गुलशन की टी-सीरीज के लिए ‘आशिकी’ (1990) और ‘दिल है कि मानता नहीं’ (1991) जैसी हिट रोमांटिक ड्रामा फिल्में बनाई थीं। मारिया ने याद करते हुए कहा, “मैंने कहा, ‘तुम उसे घर से बाहर न निकलने को कहो। बस उससे पूछ लो कि क्या वह शिव मंदिर जाता है। मैं क्राइम ब्रांच से बात कर रहा हूं। उसे कुछ सुरक्षा दी जाएगी।'”
मारिया ने आगे बताया, “तो, उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई। फिर मैं इसे भूल गया, अगस्त (1997) तक, जब मुझे पता चला कि गुलशन कुमार को शिव मंदिर के बाहर गोली मार दी गई है। मैं स्तब्ध रह गया। मैंने सोचा, ‘ये कैसे हो गया? उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई थी।’ फिर मुझे जानकारी मिली कि मुंबई पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई थी, लेकिन नोएडा में उनकी एक बहुत बड़ी फैक्टरी थी। इसलिए, उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें सुरक्षाकर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी मुहैया कराई थी। इसलिए, वे उनके साथ थे। समय के साथ, लोगों को लगता है कि सूचना दिए इतने महीने हो गए हैं, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ है। इसलिए, सुस्ती आ जाती है।”
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उन्होंने आगे बताया कि उस समय कोई त्यौहार था, गुलशन ने सोचा कि वह सुरक्षित है, इसलिए उसने अपने बॉडी गार्ड्स को छुट्टी दे दी। मारिया ने कहा, “तो, वह बाहर चला गया। एक कार आई और उसकी वहीं हत्या कर दी गई।” बाद में, मुंबई पुलिस ने अपनी जांच के दौरान दावा किया कि एक निजी विवाद के चलते, संगीतकार जोड़ी नदीम-श्रवण (आशिकी से प्रसिद्ध) के नदीम सैफी ने डी-कंपनी के संस्थापक दाऊद इब्राहिम के सहयोगी अबू सलेम को गुलशन की हत्या के लिए पैसे दिए थे। लेकिन अंडरवर्ल्ड संगठन पहले से ही गुलशन की हत्या की योजना बना रहा था क्योंकि उसने 10 करोड़ रुपये की रंगदारी देने से इनकार कर दिया था।
