तारक मेहता का उल्टा चश्मा के ‘अब्दुल’ गोकुलधाम सोसाइटी में जेठालाल, सोडी, पोपटलाल को सोडा और शिकंजी पिलाते दिखते हैं। वहीं असल जिंदगी में भी अब्दुल के दो अच्छे खासे रेस्टोरेंट्स हैं। ‘अब्दुल’ का असली नाम के शरद संकला। तारक मेहता शो मिलने से पहले करीब 8 साल तक शरद बेरोजगार रहे थे। वहीं पिछले 12 साल से वह इस शो में काम कर रहे हैं।
अब्दुल यानी शरद संकला ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत साल 1990 में फिल्म वंश से की थी। इस फिल्म में वह चार्ली चेप्लेन (Charlie Chaplin) के रूप में नजर आए थे। इस फिल्म में काम करने के लिए उस समय उन्हें हर दिन का 50 रुपए मिला करता था। इसके बाद वह शाहरुख खान (Shahrukh Khan) की फिल्म बाजीगर और बादशाह में भी नजर आए।
एक इंटरव्यू में शरद ने खुद बताया था कि शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा में काम करने से पहले वह 8 साल तक काम के लिए इधर उधर भटकते रहे थे। उन्होंने कई डायरेक्टर्स के पास जाकर काम की भीख मांगी थी, लेकिन उन्हें काम नहीं मिला था। ऐसे में उन्होंने असिस्टेंट, कोरियोग्राफर और असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम करना शुरू किया।
कैसे मिला शो TMKOC में काम
शो मेकर असित मोदी को शरद अपने कॉलेज के दिनों से जानते थे। उन्होंने बताया था कॉलेज में शरद और असित मोदी एक ही बैच से पढ़े थे। ऐसे में असित मोदी ने तारक मेहता शो में अब्दुल का किरदार उन्हें ऑफर किया। वहीं शरद के बाद उस वक्त कोई ऑप्शन भी नहीं था। ऐसे में उन्होंने असित मोदी के साथ हाथ मिला लिया।
तारक मेहता का उल्टा चश्मा ने दी नई पहचान
शो में काम करने के बाद अब्दुल के तौर पर शरद संकला मशहूर हो गए। लोगों ने उन्हें पहचानना शुरू कर दिया। शो में अब्दुल गोकुलधाम वासियों को शिकंजी पिलाते हैं। वहीं असल जिंदगी में भी शरद को अपने बिजनेस का आइडिया आया। ऐसे में उन्होंने साइड बाय साइड अपना रेस्टोरेंट खड़ा करने का सोचा।
अंधेरी और जुहू में हैं अपने खुद के रेस्टोरेंट्स
देखते ही देखते शरद ने जुहू में पार्ले पॉइंट नाम से एक बड़ा रेस्टोरेंट खोल लिया। तो वहीं कुछ वक्त बाद उन्होंने एक और रेस्टोरेंट खोला जो कि अंधेरी में है। इस रेस्टोरेंट का नाम उन्होंने चार्ली कबाब रखा है।
‘अब्दुल’ की फैमिली
तारक मेहता के अब्दुल यानी शरद की पत्नी और दो बच्चे हैं। ऐसे में उन्होंने सोचा कि शो जब तक चले ठीक, साथ में खुद का बिजनेस भी जरूरी है। इस वजह से उन्होंने अपने दो रेस्टोरेंट खोले।