रामानंद सागर कृत श्रीकृष्णा (Shri Krishna) छोटे परदे पर एक बार फिर दर्शकों के बीच लौट आया है। इस पौराणिक कथा में कृष्ण के महारास से लेकर महाभारत तक के दर्शन होते हैं। गौरतलब है कि श्रीकृष्णा में वीर धनुर्धर कर्ण का किरदार गोविंद खत्री ने निभाया था। गोविंद खत्री के इस किरदार के करने के पीछे की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है।
एक इंटरव्यू में गोविंद खत्री ने श्रीकृष्णा में कर्ण की कास्टिंग को लेकर कहा था कि जब गुजरात में कर्ण के लिए ऑडिशन चल रहे थे तो वह भी ऑडिशन देने गए थे। लेकिन कर्ण की बजाय उनको दुशासन का रोल मिल गया। गोविंद खत्री को कर्ण के ऑडिशन के लिए उनके बड़े भाई रमन खत्री ने बुलाया था जो श्रीकृष्णा में ही पांडव भाइयों के अग्रज युधिष्ठिर का किरदार निभा रहे थे।
राजस्थान के बीकानेर से ताल्लुक रखने वाले गोविंद खत्री के पिता आर्मी में थे जो साल 1971 की जंग में शहीद हो गए थे। गोविंद खत्री खुद को शहीद का बेटा मानते हुए गर्व महसूस करते हैं। गोविंद खत्री ने बताया कि दुशासन का रोल मिलने के बाद वे और कर्ण का किरदार करने वाले शख्स के साथ सफर करते हुए बडोदरा तक गए थे और एक ही रूम में रुके भी थे। सीरियल के कुछ हिस्से ही शूट हुए थे जिसके बाद ब्रेक लग गया था।
विनोद खत्री ने कहा था कि कुछ दिनों बाद घर पर मोती सागर का कॉल आया तो बड़े भाई रमन खत्री ने फोन उठाया। वे बोले तुरंत गोविंद को बडोदरा भेज दो। वे कारण पूछने लगे जिसपर वे नाराज होते हुए बोले तुम बस उसे तुरंत भेज दो। गोविंद खत्री हड़बड़ी में मुंबई से गुजरात रवाना हो गए। और वहां पहुंचे तो उन्हें सरप्राइज मिला। रामानंद सागर को गोविंद खत्री की चाल बहुत पसंद आई थी जिसके बाद कर्ण का रोल गोविंद को ही मिल गया।
गौरतलब है कि श्रीकृष्णा के बाद गोविंद खत्री को पहली फिल्म शाहरुख खान के साथ ऑफर हुई जो काफी हिट रही। गोविंद ने इसमें शाहरुख खान के दोस्त का किरदार निभाया था। इसके बाद वह काश सीरियल में नजर आए। यही नहीं उस वक्त के सभी पौराणिक शो में गोविंद खत्री ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं।