बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने जांच का आदेश देने के साथ ही कहा है कि महाराष्ट्र सरकार सीबीआई को सहयोग करे और जांच संबंधित दस्तावेज मुहैया कराने में भी CBI की मदद करे। इस फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कहा कि वह इस फैसले को चुनौती देंगे।
महाराष्ट्र सरकार ने वकील ने कहा कि वो रिव्यू पीटिशन दायर करेंगे। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के वकील की बात सुनने के बाद कहा कि आप पहले फैसले को पढ़िए, फिर रिव्यू पीटिशन दायर करने के बारे में सोचिएगा। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार ने वकील से कहा कि यह 35 पेज का जजमेंट है। पहले आप इसको पढ़िए। इसमें हमने हर पहलू की बारीकी से जांच की है और फिर फैसला सुनाया है। इसको पढ़े और इसके बाद ही रिव्यू पीटिशन दाखिल करिए।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ये सुनिश्चित किया जाए कि सुशांत की मौत के पीछे के रहस्य की छानबीन के लिए कोई भी राज्य पुलिस उसकी जांच में दखल न दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार सरकार को पूरा अधिकार है कि वह सुशांत के पिता की शिकायत पर दर्ज केस को सीबीआई को रेफर करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई न सिर्फ पटना के एफआईआर मामले की जांच के लिए सक्षम है बल्कि आगे भी कोई केस दर्ज होता है तो भी इस पूरे मामले को सीबीआई ही देखेगी।
बिहार सरकार के वकील की दलील: बिहार सरकार के वकील मनिंदर सिंह ने दलील दी थी कि इस पूरे मामले में मुंबई पुलिस ने 56 लोगों का बयान दर्ज किया था लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में पुलिस पर राजनीतिक दबाव है। राजनीतिक दबाव के कारण एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है। इसके साथ ही दलील में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया था कि बिहार पुलिस के एसपी को महाराष्ट्र में क्वारंटीन किया गया।