पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल का बीते दिन विस्तार हुआ, जिसमें कई नए चेहरों को जहां एक तरफ शामिल किया गया तो वहीं कुछ दिग्गज लोगों की छुट्टी कर दी गई। मोदी कैबिनेट के विस्तार के बाद डॉक्टर हर्षवर्धन, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर जैसे कई दिग्गज नेताओं को इस्तीफा देना पड़ा। मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद से ही सियासत एक बार फिर तेज हो गई है। मामले को लेकर आज तक के ‘हल्ला बोल’ में भी चर्चा की गई, जहां कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा नेता गौरव भाटिया से सवाल किया कि अगर सबने अच्छा काम किया तो उन्हें हटाया क्यों गया?
अंजना ओम कश्यप के शो में सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी कैबिनेट में शामिल हुए नए लोगों को शुभकामनाएं दीं। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर भी तंज कसने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “मैं पूरी बधाइयां और पूरी शुभकामनाएं देना चाहती हूं, लेकिन दर्शकों के सामने कुछ बातें भी रखना चाहती हूं।”
सुप्रिया श्रीनेत ने मामले को लेकर आगे कहा, “पहली बात तो यह है कि इन्होंने कहा कि सबने बहुत ही बढ़िया काम किया है। मैं पूछती हूं कि अगर सबने इतना ही बढ़िया काम किया तो पुरस्कृत करने की जगह हटा क्यों दिये गए? इन्होंने कहा कि योग्य लोग लाए गए तो पहले क्या अयोग्य लोग इसमें थे।”
.@SupriyaShrinate ने पूछा, सबने अच्छा काम किया तो पुरस्कृत करने के बजाय हटा क्यों दिए गए? अब योग्य लोग लाए गए तो क्या पहले अयोग्य लोग ने सरकार को 2 साल तक गर्त में डाल दिया? #हल्ला_बोल #CabinetReshuffle@anjanaomkashyap pic.twitter.com/MtL5bypyQw
— AajTak (@aajtak) July 8, 2021
सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया से सवाल करते हुए आगे कहा, “इन्होंने पत्रकारों की भी बात की। इस देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, आईएमपी, लॉ और टेलीकॉम सरकार की नींव होती है। लेकिन इन सब में परिवर्तन आ गया। हर्षवर्धन जी को हटाया, क्योंकि आपने माना कि कुप्रबंधन है। शिक्षा में दिक्कतें आईं वहां भी आपने माना।”
सुप्रिया श्रीनेत ने पीएम नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा, “ठीकरा फोड़ने का काम तो आप कर रहे हैं। नई पॉलिसी आई तो धन्यवाद मोदी जी, वैक्सीन लगी तो धन्यवाद मोदी जी और नहीं लगी तो हर्षवर्धन जी।” सुप्रिया श्रीनेत की इन बातों का जवाब देने से गौरव भाटिया भी पीछे नहीं हटे।
कांग्रेस नेता के जवाब में गौरव भाटिया ने कहा, “यूपीए वन में 26/11 के वक्त शिवराज पाटिल गृह मंत्री थे, वहां पी चिदंबरम को लाया गया। यूपीए 2 में उन्हें बदलकर सुशील कुमार शिंदे आए। वित्त मंत्रालय में पी चिदंबरम आए, उन्हें बदलकर प्रमुख मुखर्जी आ गए। लेकिन उन्हें बदलकर फिर से पी चिदंबरम आ गए।”