भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर उनके लिए ‘बिहारी गुंडा’ शब्द का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने यहा कि यह पूरी तरह से उत्तर भारत और हिंदी भाषी लोगों के लिए गाली है। वहीं दूसरी ओर महुआ मोइत्रा ने कहा कि जो मीटिंग हुई ही नहीं है, उसमें कैसे किसी को कुछ कहा जा सकता है। इस बात को लेकर आज तक के ‘हल्ला बोल’ में भी चर्चा की गई। जहां कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत और भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन में जमकर बहस हुई। डिबेट में सुप्रिया श्रीनेत ने तंज कसते हुए कहा कि जब पीएम ने बिहारियों के डीएनए पर सवाल उठाया था, तब आपको कोई दिक्कत नहीं हुई थी।
सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर विभाजन का भी आरोप लगाया। सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, “हम सब भारतीय हैं, पहले आप इसको मानिये। भाजपा के सदस्य मिलकर संसदीय समिति चलने नहीं देंगे, ज्वलंत मुद्दों को उठने नहीं देंगे और यहां देश को विभाजन करने का प्रयास करेंगे। बिहार बनाम देश करने का प्रयास करेंगे।”
सुप्रिया श्रीनेत ने इस बारे में बात करते हुए आगे कहा, “लोकसभा की वेबसाइट यह कहती है कि निशिकांत दुबे मीटिंग में मौजूद ही नहीं थे, जब आप वहां थे ही नहीं तो कोई आपको अपशब्द कैसे कह सकता है। आज देश के सामने इतना बड़ा ज्वलंत मुद्दा मौजूद है, सूचना प्रौद्योगिकी की कमेटी उसपर बात करना चाहती है तो आप उसपर बात होने से क्यों रोक रहे हैं।”
“देश को विभाजित करने का प्रयास न करें भाजपा” – @SupriyaShrinate pic.twitter.com/S2ijMW9G3V
— Mohammad A Waseem (@wasiiyc) July 29, 2021
सुप्रिया श्रीनेत यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने अपने बयान में पीएम नरेंद्र मोदी को भी आड़े हाथों लिया और कहा, “अगर आप का दामन साफ है तो आप मीटिंग से भागे-भागे क्यों फिर रहे हैं। चाहे बिहार हो, उत्तर प्रदेश हो, बंगाल हो, झारखंड हो या कोई और राज्य हो, यह सभी हमारी अस्मिता है।”
सुप्रिया श्रीनेत ने अपने बयान में आगे कहा, “अगर आपको वाकई में बुरा लगा है तो आपको दिक्कत उस दिन होनी चाहिए थी, जिस दिन बिहारियों के डीएनए और उनके चरित्र पर सवाल उठाया गया था और वह सवाल पीएम नरेंद्र मोदी ने उठाया था। उस दिन आपको माफी मांगनी चाहिए थी।”
सुप्रिया श्रीनेत ने अपने बयान में भड़कते हुए आगे कहा, “तब आपकी अस्मिता पर सवाल उठा था, लेकिन उस वक्त आप चुप थे और अब आप मनघड़ंत बातों से देश को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। सिर्फ इस बात का जवाब दीजिए कि मीटिंग में मौजूद थे कि नहीं, अगर नहीं थे तो झूठ मत बोलिए और अगर थे तो मीटिंग क्यों नहीं हुई।”