बॉलीवुड एक्टर सनी देओल ने फिल्म बेताब से अपने करियर की शुरुआत की थी। ये फिल्म साल 1983 में रिलीज हुई थी और सुपरहिट साबित हुई थी। फिल्म में सनी के साथ अमृता सिंह नज़र आई थीं। लेकिन इससे पहले सनी देओल भारत नहीं बल्कि लंदन में थे। यहां वह एक्टिंग सीखने के लिए गए थे और इसके पीछे कई वजहें थीं कि उन्होंने भारत में एक्टिंग नहीं सीखी थी। सनी ने बताया था कि उनके पिता भी यही चाहते थे कि वह बाहर जाकर एक्टिंग सीखें।
टीवी शो ‘आप की अदालत’ में रजत शर्मा पूछते हैं, ‘आप बहुत गुस्सा करते थे और इसलिए धरम जी ने आपको लंदन भेज दिया था।’ सनी देओल बताते हैं, ‘दरअसल ये वो समय था जब मैंने फैसला किया था कि मैं एक्टर बनना चाहता हूं। इससे पहले मैं कुछ भी गंभीरता से नहीं करता था। मुझे लगा कि भारत में मैं कुछ भी करना चाहूंगा तो ठीक से नहीं कर पाऊंगा। स्कूल में हमारे साथ परेशानी रही है कि लोग अच्छी तरह व्यवहार करते हैं या बुरी तरह से।’
सनी आगे बताते हैं, ‘हमारी पहले से पहचान होती है तो एक छवि जरूर बन जाती है। इसलिए मैंने फैसला किया कि मैं इंग्लैंड जाकर ड्रामा स्कूल जॉइन करूंगा। पिता ने भी मेरा साथ दिया था और मैं वहां पहुंच गया। मैं 12 साल की उम्र में ही गाड़ी लेकर निकल जाता था। शुरुआत में तो मैं ड्राइवर की गोद में बैठकर गाड़ी चलाने की कला सीखता था। फिर जब पैर गाड़ी तक पहुंचने लगे तो मैंने गाड़ी चलाना शुरू कर दी थी।’
सनी के बेटे को उठाकर फेंक दिया था: ‘द कपिल शर्मा शो’ में धर्मेंद्र ने बताया था कि स्टार किड्स को भारत में बहुत सारी चीजें झेलनी पड़ती हैं। करण को भी स्कूल में कुछ लड़कों ने घेर लिया था और उठाकर फेंक दिया था। इसे कह रहे थे कि सनी देओल का बेटा है तो उठकर दिखा। ये नहीं उठ पाया। धर्मेंद्र ने बताया था कि ये कोई पहली बार नहीं है जब बच्चों को ऐसी चीजें झेलनी पड़ी थी। मैं तो चाहता हूं कि ये मुझे बताए कि वो कौन से लड़के थे और मैं तो शुरू से थोड़ा दबंग था।