बॉलीवुड के मशहूर एक्टर संजय दत्त ने अपनी फिल्मों और अपने अंदाज से हिंदी सिनेमा में जबरदस्त पहचान बनाई थी। फिल्म ‘रॉकी’ से हिंदी सिनेमा में कदम रखने वाले संजय दत्त ने कई हिट फिल्मों में काम किया था। संजय दत्त बचपन से ही अपने माता-पिता के लाडले थे, ऐसे में अगर उन्हें कोई चीज चाहिए होती थी तो कई बार वह जिद पर भी अड़ जाते थे। अपनी एक जिद को पूरी करवाने के लिए तो संजय दत्त सड़क पर ही लोटने लगे थे। उनसे जुड़ी इस बात का खुलासा खुद सुनील दत्त ने ‘जीना इसी का नाम है’ में किया था।
संजय दत्त से जुड़े किस्से को साझा करते हुए सुनील दत्त ने बताया था, “संजू के मन में अगर एक बार कोई चीज आ जाता था कि यह मुझे करना है तो फिर उसे कोई रोक नहीं सकता। एक बार हम इटली में थे और संजय उस वक्त साढ़े तीन साल का था। इटली में एक बाजार है, हम वहां किसी का इंतजार कर रहे थे।”
सुनील दत्त ने संजय दत्त के बारे में बात करते हुए आगे कहा था, “संजय ने वहां पर घोड़ा गाड़ी देख ली। अब इसने जिद पकड़ ली कि इसे घोड़ा गाड़ी में बैठना है। लेकिन हम इंतजार कर रहे थे किसी का, क्योंकि हमारी मीटिंग थी। इसने सड़क पर ही लोटना शुरू कर दिया था। वहां से गुजर रही औरतों ने इसे देखा और बोलीं कि कितने कठोर माता-पिता हैं बच्चे को रुला रहे हैं।”
सुनील दत्त ने संजय दत्त के बारे में बात करते हुए आगे कहा, “मेरी बीवी को इस बात पर बड़ी शर्मिंदगी हुई। इतनी ही देर में वह व्यक्ति वहां आ गया, जिसके साथ हमारी मीटिंग होने वाली थी। उसने पूछा कि क्या हो रहा है, तो मैंने उन्हें पूरी बात बताई। उन्होंने कहा कि चलो फिर घोड़ागाड़ी में ही मीटिंग कर लेते हैं। ऐसे में इनकी वजह से हमें घोड़ागाड़ी में ही मीटिंग करनी पड़ी थी।”
बता दें कि संजय दत्त बचपन में जितने शैतान थे, उतने नर्म दिल भी थे। एक बार उनकी मां ने उन्हें स्वेटर बनवाकर दी थी। लेकिन उन्होंने घर के बाहर एक बच्चे को ठंड में ठिठुरता हुआ देख लिया था। ऐसे में उन्होंने उस बच्चे को अपनी स्वेटर और शॉल देने का फैसला किया और मां से भी यह बात बताई। एक्टर से जुड़ी यह बात भी खुद सुनील दत्त ने ही बताई थी।