संजय दत्त को 1993 मुंबई ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार किया गया था और ये वक्त उनके और दत्त परिवार के लिए काफी मुश्किल था। खासकर उनके पिता सुनील दत्त बेटे के जेल जाने से टूट गए थे। हालांकि संजय दत्त के लिए जेल जाना एक सबक था, जिससे उन्हें आगे बढ़ने में काफी मदद मिली। मगर अब दत्त परिवार के करीबी एक्टर शत्रुघन सिन्हा ने इसके बारे में बात की और बताया कि बाला साहेब ठाकरे ने संजय दत्त की मदद की थी, मगर अब संजय दत्त गायब हो गए हैं।
शत्रुघन सिन्हा ने कहा, “सुनील दत्त मेरे बड़े भाई की तरह थे, वो मैं और राजन लाल और शशि रंजन मुंबई दंगे के दौरान हर शाम एक दूसरे के साथ बैठा करते थे। हम जोखिम भरी और खतरनाक सड़कों से गुजरते थे। उस दौरान दत्त साहब के सिर पर एक बड़ी मुसीबत आ गई। हमारा और सबका लाडला संजय दत्त जेल में था।”
संजय दत्त को जेल से निकालना चाहते थे सब
शत्रुघन सिन्हा ने बताया कि वो सभी लोग इस बात से काफी परेशान थे और संजय दत्त को जेल से निकालना चाहते थे। “हम बहुत परेशान और उसके लिए बहुत चिंता में थे, सच में दिल से परेशान थे। इतना अच्छा और प्यारा इंसान सुनील दत्त का चश्मों चिराग को कैसे बाहर निकाला जाए। इसके लिए क्या किया जाए?”
बाला साहेब ठाकरे से मांगी थी मदद
शत्रुघन सिन्हा ने बताया कि फिर सुनील दत्त ने बाला साहेब ठाकरे से मदद मांगी थी। “हम लकी थे कि महाराष्ट्र का शेर, फादर फिगर और गॉड फादर बालासाहेब ठाकरे हमारे साथ थे। उन्होंने बताया, “हमने उन्हें उनसे मिलवाया और बालासाहेब ठाकरे जी ने संजय दत्त के मामले में अहम भूमिका निभाई। चाहे वो जेल से उनकी वापसी हो या फिर वहां सुविधाएं मुहैया कराना। आज अगर संजय दत्त यहां होते तो बहुत अच्छा होता। जिस दिन वो जेल से बाहर आए, वो हमारे साथ थे। बाहर आने के बाद वो सिद्धिविनायक मंदिर में आशीर्वाद लेने के बाद सीधे हमारे घर आए। फिर हम राजन लाल के घर गए, उन्हें बधाई दी और घंटों बातें कीं।”
शत्रुघन सिन्हा ने बताया कि उन्हें ये सोचकर दुख होता है कि वे अब संजय दत्त को नहीं देख पाते हैं और वो किसी से नहीं मिलते हैं। इसके बारे में शत्रुघन ने कहा, “इसके बाद कहानी में कई मोड़ आए। हमने तब से संजय को कई बार ढूंढने की कोशिश की, खासकर राजन लाल ने। उन्होंने हमारे सामने और हमारे जरिए कोशिश की, लेकिन दत्त साहब का चश्मों चिराग जो हमें नहीं मिला है, उनके ऊपर एक टाइटल लग चुका है ‘ढूंढते रह जाओगे’। लेकिन, इसका मतलब ये नहीं है कि वो प्यारे नहीं हैं, हो सकता है कि उनके अपने कारण, समस्याएं हों या वो बस व्यस्त हों।”
