शत्रुघन सिन्हा ने हाल ही में आज तक से बातचीत के दौरान दावा किया कि दीवार उन्होंने लिखी थी। अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने इस बारे में खुल कर बात की है कि कैसे उन्हें दो फिल्मों, शोले और दीवार, खोने का “पछतावा” होता है, जो उनका दावा है कि उनके लिए लिखी गई थी।

दिग्गज अभिनेता से पूछा गया कि क्या कोई ऐसी फिल्म या भूमिका है जिसे करने का उन्हें अपने 50 साल से अधिक के करियर में पछतावा है। शत्रुघन ने कहा कि सलीम-जावेद द्वारा लिखित यश चोपड़ा निर्देशित दीवार- सबसे पहले उन्हें ऑफर की गई थी।

उन्होंने कहा, “मैंने लगभग 250 फिल्में की होंगी… कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जिन्हें न कर पाने का मुझे अफसोस होता है। दीवार की तरह। यह मेरे लिए लिखा गया था, उन्होंने मुझसे संपर्क किया था। करीब छह महीने तक स्क्रिप्ट मेरे पास थी। कुछ लोगों के बीच विचारों का टकराव हुआ और मैंने स्क्रिप्ट वापस कर दी।”

1975 की इस क्राइम फिल्म ने अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड का एंग्री यंग मैन बना दिया। क्योंकि दीवार अब तक की सबसे महान भारतीय फिल्मों में से एक बन चुकी है।

शत्रुघन सिन्हा ने कहा कि एक और फिल्म जिसे उन्हें ‘दुर्भाग्य से’ ठुकराना पड़ा, वह रमेश सिप्पी की क्लासिक शोले थी। अभिनेता ने कहा कि शोले उनके पास ऐसे समय में आई थी जब वह काम में डूबे हुए थे और उन्होंने कई फिल्में साइन की थीं।

शत्रुघन ने कहा कि उन्हें 1975 की फिल्म में अमिताभ की भूमिका निभाने के लिए संपर्क किया गया था, कुछ लोग चाहते थे कि वह गब्बर सिंह के रूप में अभिनय करें, जो अंततः अभिनेता अमजद खान द्वारा निभाई गई भूमिका थी।

“इसी तरह, शोले के साथ। मुझे यह करना था, वह भूमिका जो मेरे दोस्त अमिताभ बच्चन ने आखिरकार की। कुछ लोग चाहते थे कि मैं गब्बर सिंह का रोल करूं। लेकिन उस वक्त मैं विलेन का दौर पार कर चुका था। मैं एक नया, लोकप्रिय स्टार था और कई फिल्में कर रहा था। मेरे दोस्त और महान फिल्म निर्माता रमेश सिप्पी मुझे सटीक तारीखों के बारे में नहीं बता पा रहे थे जो वह मुझसे चाहते थे। वह कहते, ‘बस बैंगलोर आ जाओ, हम काम करेंगे’। लेकिन उस समय मेरे पास बहुत सारी फिल्में थीं…’

हालांकि, शत्रुघन ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि जो दो फिल्में वह नहीं कर सके, उन्हें आखिरकार उनके दोस्त अमिताभ बच्चन ने ले लिया और देश को ऐसा शानदार अभिनेता देखने को मिला।

उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से मैं शोले या दीवार नहीं कर सका, इसका अफसोस है। इसे आप मानवीय भूल कह सकते हैं। लेकिन खुशी इस बात की भी है कि इन फिल्मों ने राष्ट्रीय आइकन और राष्ट्रीय स्टार अमिताभ बच्चन को इतना ठोस मंच दिया। शत्रुघन ने कहा- मुझे खुशी है कि वह देश के महान अभिनेता अमिताभ बच्चन, मेरे दोस्त हैं।