फिल्म द कश्मीर को लेकर अभी भी राजनीतिक टिप्पणियां हो रही है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने एक बार फिर द कश्मीर फाइल्स फिल्म को लेकर बयान दिया है। शरद पवार के बयान पर फिल्ममेकर और कश्मीरी पंडित अशोक पंडित ने भी पलटवार किया है। शरद पवार ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर कहा है कि यह फिल्म समाज में घृणा पैदा करती है।
शरद पवार ने कहा कि “कश्मीर फाइल्स नाम की फिल्म धार्मिक नफरत भड़काने के लिए दिखाई गई। 1990 के दशक की शुरुआत में जब जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद तेज तब वीपी सिंह प्रधानमंत्री थे और उनकी सरकार को भाजपा का समर्थन प्राप्त था, लेकिन यह तथ्य छिपाया गया।” इस पर फिल्ममेकर अशोक पंडित और फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्नहोत्री ने शरद पवार को जवाब दिया है।
अशोक पंडित ने ट्विटर पर लिखा कि “शरद पवार जी, किसी को नहीं पता था कि कश्मीरी पंडितों के खिलाफ आतंकवादियों और आतंकवाद के कृत्य को बेनकाब करने के लिए धार्मिक घृणा को भड़काया गया है। अपने वोट बैंक को बचाने के लिए आतंकवाद को सही ठहराना बंद करें क्योंकि यह सभी शहीदों और आतंकवाद के शिकार लोगों का अपमान है।”
वही फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री भी शरद पवार पर भड़क गये। विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर लिखा कि “फिर झूठ। बहुत ही दोगलापन है। भारतीय राजनीति में अब तक का सबसे भ्रष्ट राजनेता वास्तविक जीवन में सबसे पाखंडी व्यक्ति भी है। मुझसे और कश्मीरी हिंदुओं को निजी तौर पर एक बात और सार्वजनिक तौर पर इसके विपरीत बात कहते हैं। कर्म…पवार साहब…कर्म…किसी को नहीं बख्शा।”
सोशल मीडिया पर और भी लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। निशांत नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कश्मीर में वास्तव में क्या हुआ, इसके बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म दिखाई गई। कश्मीर के एक वरिष्ठ नेता, श्री गुलाम नबी आजाद ने स्वीकार किया है कि नरसंहार वास्तविक था लेकिन महाराष्ट्र का एक व्यक्ति चाहता है कि हम उस पर विश्वास करें कि वह ज्यादा जानता है।’
सुमित नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कश्मीर फाइल हम सभी के लिए आंखें खोलने वाली है। हम कभी अपराध में लिप्त नहीं होते, हाँ अब हम अधिक सतर्क हैं।’ राजेंद्र शर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘अपराध पर लगाम लगाने और ऐसे नेताओ को शर्मसार करने के लिए कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों को लगातार दिखाते रहना चाहिए ताकि अपराधियो को सपोर्ट करने वाले नेता समाज में मुंह दिखाने लायक ना रहें।’