दिल्ली के शाहीन बाग में 9 मई को एमसीडी अधिकारी अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने पहुंचे थे। हालांकि कुछ घंटो बाद एमसीडी अधिकारियों को वापस लौटना पड़ा। इस मामले को लेकर फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने सरकार को घेरा है। उन्होंने इस कार्रवाई को नाकामी छिपाने का बेशर्म तरीका बताया है।
विनोद कापड़ी ने शाहीन बाग में बुलडोजर और पुलिसकर्मियों की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,”नाकामियों को छिपाने का नया बेशर्म तरीका है -अशांति, अव्यवस्था, अराजकता।” निगम मिश्रा ने लिखा,”विनोद कापड़ी सर ऐसे तथाकथित राष्ट्रवादी पत्रकार/पत्तलकार को किसी का खौफ नहीं! इन्हें ना ही सुप्रीम कोर्ट की मर्यादा का ख्याल है और ना ही न्यायाधीशों के मान-सम्मान का। इन जैसों के साथ कोई अदृश्य शक्ति है जो इन्हें ओछी टिप्पणी करने का हौसला देती है।”
विक्रांत ने लिखा,”वोट बैंक की पॉलिटिक्स क्या राष्ट्र सुरक्षा से खिलवाड़ है? जी नहीं, ये तो #secularism है और इसका राष्ट्र सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं है।” कौशलेंद्र शर्मा ने लिखा,”कैसे? अतिक्रमण भी ना हटाए मतलब, चल रहा है चलने दो, ये तो मस्जिद बना दिए..रहने दो..। आरक्षण चल रहा है चलने दो, 370 लगा है, लगे रहने दो, तुम लोग महंगाई, पेट्रोल ये क्या नया बोलते हो, महंगाई देश में शुरू से रही है, सैलरी बढ़ने के पहले महंगाई बढ़ना 75 साल से चला आ रहा है।”
बता दें नगर निगम ने अगले 15 दिनों के लिए रोडमैप तैयार है। जिसके तहत दिल्ली के कई इलाकों में हुए अवैध निर्माण पर निगम का बुलडोजर चलाया जा रहा है। सोमवार को एमसीडी अधिकारियों के खिलाफ शाहीन बाग में महिलाओं सहित सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस और आप के नेता भी इनके समर्थन में सड़कों पर उतरे। इस दौरान अमानतुल्लाह खान भी वहां मौजूद रहे और विरोध करते रहे। जिसके बाद अमानतुल्लाह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही आप विधायक के समर्थकों को भी आरोपी करार दिया गया।
शाहीन बाग के बाद दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में भी आज बुलडोजर चलाया जाएगा। एसडीएमसी के एक्शन प्लान है कि आज न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी से बौद्ध धर्म मंदिर और गुरुद्वारा रोड के आसपास अतिक्रमण पर निगम का बुलडोजर चलाया जाएगा। एसडीएमसी सेंट्रल जोन के चेयरमैन राजपाल का कहना है कि अमीर गरीब में फर्क किए बिना अवैध निर्माण को हटाया जाएगा।
चेयरमेन का कहना है कि शाहीन बाग इलाके सबसे अधिक अतिक्रमण किया है। शाहीन बाग इलाके में करीब 50 फीसदी लोगों ने खुद ही अतिक्रमण हटा लिया है, बचा हुआ अतिक्रमण निगम द्वारा हटाया जाएगा।
