Shahrukh Khan Birthday: बॉलीवुड किंग शाहरुख खान 2 नवंबर को 58 साल के हो गए हैं। किंग खान के फैंस इस दिन के लिए काफी उत्साहित हैं, क्योंकि उनकी फिल्म ‘जवान’ ओटीटी पर स्ट्रीम हो गई है। शाहरुख खान ने चार साल बाद इस साल बड़े पर्दे पर वापसी की है। साल की शुरुआत में फिल्म ‘पठान’ आई और ये फिल्म शाहरुख खान के साथ-साथ बॉलीवुड के लिए भी लकी साबित हुई। इसके बाद ‘जवान’ आई और इस फिल्म ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए।
फिल्म में एक डायलॉग है, ‘बेटे को हाथ लगाने से पहले, बाप से बात कर…।’ ये डायलॉग काफी मशहूर हुआ, लोगों ने इसपर रील्स भी बनाई। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि शाहरुख खान की किसी फिल्म का डायलॉग मशहूर हुआ है। सालों से उनकी फिल्मों के डायलॉग ऐसे ही चले आ रहे हैं।
साल 1993 में आई फिल्म ‘डर’ में शाहरुख खान का रोल और उनकी एक्टिंग की खूब तारीफ हुई थी। लेकिन जो चीज ज्यादा मशहूर हुई वो था इस फिल्म का डायलॉग, ‘क क क किरण’। इस फिल्म में शाहरुख खान हकला कर ये डायलॉग बोलते थे, आज भी लोग इसपर रील्स बनाते हैं। एक्टर ने बताया था कि हकलाना उन्होंने अपने दोस्त से सीखा था।
हार के जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं
ये डायलॉग फिल्म ‘बाजीगर’ का है। इस फिल्म से शाहरुख खान को पहचान मिली थी। उन्होंने एक ऐसे क्रिमिनल का किरदार निभाकर दिल जीत लिया था जो एक बिजनेसमैन से बदला लेना चाहता था। उनका डायलॉग ‘कभी-कभी जीतने के लिए कुछ हारना पड़ता है। और हार के जीतने वाले को बाजीगर कहते है’ आज भी लोगों की जुबान पर है।
बड़े-बड़े देशों में ऐसी छोटी-छोटी…
‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ फिल्म जिसमें शाहरुख और काजोल की जोड़ी को खूब पसंद किया गया था, उसका डायलॉग काफी मशहूर हुआ था। ‘बड़े-बड़े शहरों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं… सेनोरिटा’। ये फिल्म आदित्य चोपड़ा के डायरेक्शन की डेब्यू फिल्म थी।
प्यार दोस्ती है…
फिल्म ‘कुछ कुछ होता है’ में एक बार फिर शाहरुख खान और काजोल एक साथ नजर आए थे। फिल्म में लव ट्रायंगल दिखाया गया था। एक तरफ काजोल जो उनकी दोस्त होती हैं और दूसरी तरफ रानी मुखर्जी जो उनका प्यार होती है। इस फिल्म का एक डायलॉग काफी मशहूर हुआ था और वो था, ‘प्यार दोस्ती है। अगर वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त नहीं बन सकती तो मैं उससे कभी प्यार नहीं कर सकता। क्योंकि दोस्ती बिना प्यार होता ही नहीं।’
अगर जिंदगी में कुछ बनना हो…
साल 2001 में आई शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन की फिल्म बेस्ट फिल्मों में गिनी जाती है। इस फिल्म का एक डायलॉग था, “जिंदगी में कुछ बनना हो, कुछ हासिल करना हो, कुछ जीतना हो तो हमेशा अपने दिल की सुनो। और अगर दिल से भी कोई जवाब न आए तो अपनी आंखे बंद करके अपनी मां और बाबा का नाम लो। फिर देखना हर मंजिल पार कर जाओगे। हर मुश्किल आसान हो जाएगी। जीत होगी तुम्हारी, सिर्फ तुम्हारी।’
बाबूजी ने कहा गांव छोड़ दो…
देवदास और पारो की कहानी अमर है और इसे अनगिनत बार स्क्रीन पर रूपांतरित किया गया है। शाहरुख ने संजय लीला भंसाली की 2002 की पीरियड ड्रामा में ‘देवदास’ में खूब सुर्खियां बटोरी थी। इसका एक डायलॉग बहुत फेमस हुआ था। जो था, ‘बाबूजी ने कहा गांव छोड़ दो, सब ने कहा पारो को छोड़ दो। पारो ने कहा शराब छोड़ दो। आज तुमने कह दिया हवेली छोड़ दो। एक दिन आएगा जब वो कहेंगे, दुनिया ही छोड़ दो।’
सत्तर मिनट…
फिल्म ‘चक दे! इंडिया’ साल 2006 में आई थी और इसमें शाहरुख खान ने इंडियन वुमन नेशनल हॉकी टीम के कोच का किरदार निभाया था। फाइनल मैच से पहले किंग खान का एक डायलॉग है, जो काफी प्रभावशाली था। डायलॉग इस तरह है, ‘सत्तर (70) मिनट, सत्तर मिनट है तुम्हारे पास। शायद ये तुम्हारी जिंदगी के सबसे खास सत्तर मिनट है। आज तुम अच्छा खेलो या बुरा खेलो, ये सत्तर मिनट तुम्हें जिंदगी भर याद रहेगी।’
पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश…
साल 2008 में आई फिल्म ‘ओम शांति ओम’ में शाहरुख खान के साथ दीपिका पादुकोण दिखाई गई थीं। इस फिल्म में वह दीपिका के लिए डायलॉग बोलते हैं, जिसे लवर्स आज भी इस्तेमाल करते हैं। वो डायलॉग है, ‘इतने शिद्दत से मैंने तुम्हें पाने की कोशिश की है, कि हर जर्रे ने मुझे तुमसे मिलाने की कोशिश की है। कहते हैं अगर किसी चीज़ को दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसे तुमसे मिलाने की कोशिश में लग जाती है।’