सुपरस्टरार संजय दत्त अभी अपनी अगली फिल्म ‘शमशेरा’ को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में संजय दत्त लीड रोल में नजर आएंगे। संजय दत्त के अलावा रणबीर कपूर और वाणी कपूर भी फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। आज भले ही संजय दत्त की गिनती बॉलीवुड के सबसे सफल एक्टर्स में होती है, लेकिन उन्होंने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे। हथियार रखने के जुर्म में उन्होंने लंबे समय तक जेल भी काटी। संजय ने बताया था कि इस मुश्किल में उनकी सबसे ज्यादा मदद बाल ठाकरे ने की थी।
एक इंटरव्यू के दौरान संजय दत्त ने कहा था, ‘बाला साहेब का नाम सबसे पहले मैंने अपनी मां से सुना था। मां हमेशा कहती थी कि साहेब उनके भाई हैं और वो उनकी बहुत इज्जत करती हैं। जब मेरी मां इलाज करवाने के लिए अमेरिका गईं तो उन्होंने हम तीनों को बुलाकर कहा था कि अगर जिंदगी में कभी कुछ भी हो तो मेरे भाई हैं ठाकरे साहेब उनके पास जरूर जाना। मैं जेल से निकलकर सबसे पहले सिद्धिविनायक गया और फिर बाला साहेब से मिलने के लिए गया था। ये उनसे मेरी पहली मुलाकात थी।’
संजय दत्त आगे बताते हैं, ‘मुझे बाला साहेब बहुत प्यार करते थे। जबतक मैं आर्थर रोड जेल में था तो उनका रोज़ाना मेरे पास मैसेज आता था और वो मुझे कहते थे कि संजय को बोल चिंता नहीं करने का, मैं हूं यहां। वो राजनेता से ज्यादा एक देशप्रेमी थे। अगर उन्हें किसी के ऊपर प्यार आ गया तो कोई गलत है या ठीक है तो उसे प्यार करते थे। अगर गुस्सा आ गया तो समझो वो खत्म।’
जिद पूरी करवाने के लिए संजय दत्त करते थे ऐसा काम: सुनील दत्त ने टीवी शो ‘जीना इसी का नाम है’ में बताया था, ‘अगर संजू कुछ करने की ठान लेता था तो हमें उसे रोकना तक मुश्किल हो जाता था। हम लोग इटली में थे और संजू करीब साढ़े तीन साल का था। इसने वहां घोड़ा-गाड़ी देख ली और उसमें बैठने की जिद करने लगा। हमने मना किया तो ये जोर-जोर से रोने लगा और सड़क पर ही लोटना शुरू कर दिया। अब वहां मौजूद सभी लोग हमें देखकर कह रहे थे कि कितने कठोर मां-बाप हैं जो अपने बच्चे की मां ही पूरी नहीं कर रहे हैं। संजय के कारण फिर हमने वो मीटिंग घोड़ा-गाड़ी में बैठकर ही की थी।’