मुंबई बम विस्फोट मामले में सजा पाने के बाद मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद रहने के दौरान अभिनेता संजय दत्त जेल के कपड़े पहनने के लिए तैयार नहीं थे और इसके लिए उनसे जब कठोर शब्दों में कहा गया तब उन्होंने इस निर्देश का पालन किया था। जेल की उप महानिरीक्षक स्वाति साठे ने संजय दत्त के जेल में बंद रहने के दिनों को याद करते हुए कहा, ‘‘वह आर्थर रोड जेल में अपने शुरुआत के दिनों में जेल के कपड़े पहनने के लिए तैयार नहीं थे लेकिन कठोर शब्दों में इसे पहनने के लिए कहे जाने के बाद वह इसे पहनने के लिए तैयार हुए थे।’’

जब साठे से यरवदा केंद्रीय कारागार (वाईसीपी) में दत्त की दैनिक दिनचर्या का विवरण देने के लिए कहा गया तब उन्होंने कहा कि उन्होंने उसी दिनचर्या का पालन किया जैसा कि जेल के अन्य कैदी कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘दिनचर्या में सुबह साढ़े पांच बजे उठना, सुबह की प्रार्थना करना, व्यायाम, चाय, नाश्ता और फिर आगे का काम करना शामिल था। अन्य कैदी अपने निर्धारित काम को करने के लिए वर्क शेड जाते थे जबकि संजय दत्त सुरक्षा कारणों से अपने सेल में ही अपना निर्धारित काम करते थे। जेल में दत्त को बेंत के सामान और कागज के लिफाफे बनाने का काम मिला था।’’

अधिकारी ने बताया कि दत्त ने इनर सर्किट वाईसीपी रेडियो के लिए ‘‘रेडियो जॉकी’’ की भूमिका निभाते हुए कैदियों का मनोरंजन करने का भी काम किया था। दत्त ने बम विस्फोट मामले में अपनी पांच वर्ष की सजा के 42 महीने यरवदा जेल में गुजारे हैं।