भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर अक्सर निशाना साधते रहते हैं। अब उन्होंने राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला है। दूरदर्शन (DD News) के डिबेट शो ‘दो टूक में बोलते हुए संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी की छुट्टियों पर चर्चा होगी तो लोग मुंह पर चेपी नहीं लगा सकते।
डीडी न्यूज के एंकर अशोक श्रीवास्तव ने संबित पात्रा से कहा, ‘सोशल मीडिया पर कुछ लोग यह कह रहे हैं कि अच्छा हुआ राहुल जी छुट्टी पर चले गए क्योंकि अगर राहुल जी ज़्यादा प्रचार करते तो बीजेपी को ज़्यादा सीटें मिल जाती।’ डीडी न्यूज के एंकर बिहार चुनाव की बात कर रहे थे। जवाब में संबित पात्रा ने कहा, ‘पार्टी के अंदर लोकतंत्र हो और देश में लोकतंत्र और विकास के माध्यम से देश आगे बढ़े, इन विषयों पर सार्थक चर्चा ज़रूर होनी चाहिए। देश की जानता के मुंह पर कोई चेपी नहीं लगा सकता कि राहुल गांधी छुट्टी क्यों मना रहे हैं। जब चर्चा चुनाव की हो रही है तब राहुल गांधी नदारद हैं, इन विषयों पर देश के लोग तो चर्चा करेंगे ही।’
संबित पात्रा ने आगे कहा, ‘अपने दिल पर बहुत बड़ा भार रखकर कांग्रेस के प्रवक्ता यह कोशिश करते हैं कि राहुल गांधी जी की रक्षा की जाए मगर वो भी सफल नहीं हो पाते। क्योंकि मन के अंदर वो भी सच्चाई जानते हैं कि हमारा नेता नदारद है। हम जनता को कॉन्फिडेंस के साथ फेस करते हैं क्योंकि हमारा लीडर परफॉर्मिंग है।’
संबित पात्रा ने आगे कहा, ‘हमें उनकी छुट्टियों से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन राहुल गांधी एक सांसद हैं। इसके पहले लोकसभा सत्र में एक लिस्ट निकली थी सांसदों की अटेंडेंस को लेकर कि संसद में उनकी मौजूदगी कितनी थी। जो सबसे कम अटेंडेंस वाले सांसद थे, उसमें नीचे से नंबर 3 पर राहुल गांधी थे। सवाल कैसे नहीं होगा उनसे? ये तो विदित है इतिहास में कि जिस भी पार्टी को राहुल गांधी ने स्पर्श किया उस पार्टी का हनन हुआ और वो डूब चुकी है।’
संबित पात्रा ने डिबेट के दौरान कहा कि बिहार में उनकी जीत नरेंद्र मोदी के अथक मेहनत और काम के कारण हुई है। उन्होंने आगे कहा, ‘पीएम का फूल फॉर्म सिर्फ़ प्राइम मिनिस्टर नहीं होता है प्राइम बनने के लिए पीएम का फूल फॉर्म पसीना और मेहनत भी होता है। पीएम का अर्थ ‘पालने का मेंबर’ नहीं होता। अब तक गांधी परिवार सोचता था कि पीएम बनने के लिए एक ही परिवार के पालने में जन्म हो गया तो हम पीएम बन जाएंगे। 7 समंदर पार ओबामा जी को मालूम पड़ गया कि राहुल गांधी क्या हैं। कुल मिलाकर वो चार पांच बार मिले होंगे राहुल जी से।’