दिवंगत एक्टर ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) ने सिनेमा जगत अपनी पहचान एक रोमांटिक हीरो के तौर पर बनाई थी। उन्होंने करियर में ज्यादातर रोमांटिक फिल्में ही की। लेकिन, बाद में खलनायिकी में भी वो अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने में सफल रहे। पहली बार उन्हें ‘अग्निपथ’ के जरिए विलेन की भूमिका में देखा गया था। ऋषि कपूर अपने करियर में हर किरदार में स्क्रीन पर छाप छोड़ने में सफल रहे हैं। 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ और आज ऋषि कपूर की आज पुण्यतिथि है तो इस मौके पर आपको उनसे और पहलगाम से जुड़े एक किस्से के बारे में बता रहे हैं, जब उनके होटल पर हमला हो गया था। चलिए बताते हैं इस किस्से के बारे में…

ऋषि कपूर का निधन 30 अप्रैल, 2020 को हुआ था। वो कैंसर की वजह से अपनी जिंदगी की जंग हार गए थे। ऐसे में उन्हें गए हुए 5 साल हो गए हैं। आज उनकी पांचवी पुण्यतिथि है। इस मौके पर उनके पहगाम वाले किस्से के बारे में बता रहे हैं, जब वो शूटिंग के लिए वहां गए थे तो होटल पर हमला हो गया था। पत्थरबाजी से आगजनी तक हो गई थी। इस किस्से का जिक्र ऋषि कपूर पर लिखी किताब खुल्लम खुल्ला में है। इसमें बताया था कि जब पहलगाम में शूटिंग कर रहे थे तो यश चोपड़ा ने उनके बर्थडे पर उनके लिए एक पार्टी का आयोजन किया था। यहां उनके साथ पत्नी नीतू कपरू और को एक्टर नसीम भी मौजूद थे। पार्टी वाले दिन एक गाने की शूटिंग पूरी हुई थी।

पत्थरबाजी से आग के गोले तक फेंके

ऋषि कपूर ने बताया था कि पार्टी में आए मेहमान होटल के अंदर मौज-मस्ती कर रहे थे और इस बात से बिल्कुल बेखबर थे कि बाहर क्या हो रहा है। एक्टर ने घटना के बारे में बताया था कि घोड़े के मालिकों और टैक्सी ड्राइवरों के बीच बहस ने भयानक रूप ले लिया था। एक ड्राइवर ने नशे में धुत होकर झगड़ा करने लगा था। देखते ही देखते वहां की स्थिति नाजुक हो गई। हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठा हो गई थी। ऋषि कपूर ने बताया था कि स्थिति इतनी ज्यादा खराब हो गई थी कि भीड़ होटल पर पत्थर और आग के गोले फेंकने लगी थी। अफरा-तफरी मच गई थी। खराब स्थिति हो जाने की वजह से बाकी लोगों के उनके कमरे में भेज गिया गया था। उन्हें बिस्तर के नीचे छुपने के लिए कहा गया क्योंकि कोई नहीं जानता था कि क्या हालात होंगे। सभी के कमरे अंदर से बंद थे। लोगों ने होटल पर पत्थर फेंककर खिड़कियां तक तोड़ दी थी। होटल में आग लग गई थी।

सेना की लेनी पड़ी मदद

पहलगाम की इस घटना को लेकर ऋषि कपूर का आगे कहना था कि स्थिति इतनी खराब हो चुकी थी कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला को सेना की मदद लेनी पड़ी थी। सेना ने ही ऋषि कपूर और बाकी लोगों को वहां से निकाला था। गौरतलब है कि ऋषि से से जुड़ा ये किस्सा साल 1976 में रिलीज हुई फिल्म ‘कभी-कभी’ की शूटिंग के दौरान का था। इसमें ऋषि कपूर के अलावा अमिताभ बच्चन, राखी गुलजार, शशि कपूर और नीतू कपूर जैसे कलाकार थे। इसका डायरेक्शन यश चोपड़ा ने किया था।

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