देश में कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश की मेरठ के एक निजी अस्पताल ने अखबार में विज्ञापन देकर मुसलमानों के इलाज पर रोक लगा दी। अस्पतला द्वारा जारी इस विज्ञापन के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर नाराजगी जाहिर की। इस बीच एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा (Richa Chadda) ने भी इस खबर को रीट्वीट करते हुए अपनी भड़ास निकाली है।

दरअसल लेखिका राणा सफी ने अखबार में छपे इस विज्ञापन की खबर को ट्वीट किया जिसे एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए इसे गैरकानूनी बताया। एक्ट्रेस ने ट्वीट किया, ‘यह गैर-कानूनी है। और हिप्पोक्रेट्स की शपथ के खिलाफ है।’ यही नहीं एक्ट्रेस ने यहां तक लिखा कि ऐसे ही रंगभेद का जन्म होता है।

एक्ट्रेस की बातों पर यूजर्स रिएक्ट करते हुए कहे कि यह उत्तर प्रदेश है और यहां कुछ भी हो सकता है। एक यूजर ने लिखा, यह क्रिया का प्रतिक्रिया है। एक यूजर ने लिखा, अगर यह अस्पताल यूपी में है तो यहां कुछ भी हो सकता है तो कृपया आंसू ना बहाएं। एक अन्य यूजर ने लिखा, जब बोए पेड़ बबूल के तो आम कहां से होए। सभी बिकाऊ मीडिया को बधाई। एक यूजर ने लिखा कि मैडम बहुत सारी चीजें गैर-कानूनी हो रही हैं। अगर आप उसे गिनने बैठ जाएं तो थक जाएंगी।

गौरतलब है कि मेरठ के मवाना रोड पर वैलेंटिस कैंसर अस्पताल ने अख़बारों में विज्ञापन निकाल कर मुस्लिम मरीजों को भर्ती करने के लिए अजीब शर्त रखी थी। अस्पताल के विज्ञापन में कहा गया है कि हॉस्पिटल अब नये मुस्लिम मरीजों को तब तक भर्ती नहीं करेगा जब तक कि वह और उसके और तीमारदार कोरोना नेगेटिव होने की रिपोर्ट नहीं देंगे। ये शर्त दूसरे धर्म के लोगों के लिए नहीं है। हालांकि विज्ञापन के मुताबिक कुछ विशिष्ट मुसलमानों को इसमें छूट दी गई है।

विज्ञापन के लिखा था कि कुछ मुस्लिम मरीज़ मास्क पहनने, स्वच्छता का ध्यान रखने जैसे दिशा-निर्देशों को नहीं मान रहे हैं और हॉस्पिटल स्टाफ के साथ गलत व्यवहार कर रहे हैं। नए मुस्लिम मरीज़ों से के भर्ती को लेकर अस्पताल ने कहा कि वे और अपने साथ देखभाल के लिए आने वाले लोगों का कोरोना का परीक्षण कराएं और केवल तभी अस्पताल आएं जब उनकी रिपोर्ट नेगेटिव हो। हालांकि बाद में मामला बढ़ता देख अस्पताल ने इसके लिए माफी मांग ली है। वहीं मेरठ में इसके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की प्रकिया हो रही है।