किसान आंदोलन से जुड़े मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जमकर फटकार लगायी है। केंद्र सरकार को यह तक कहा गया है कि बिना राय मशवरे के ऐसे कानून बना दिया। रिपब्लिक भारत की डिबेट के दौरान सुप्रीम कोर्ट सुनवाई पर डिबेट की गई। डिबेट में बीजेपी नेता सबिंत पात्रा और कांग्रेस नेता मनजिंदर सिंह सिरसा आमने सामने थे।
ऐसे में संबित पात्रा ने कहा- सिरसा साहब आपने सुना होगा कि आज सीजीआई साहब ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हम एक कमेटी बनाएंगे और बातचीत कमेटी के माध्यम से होगी। आप भी मानते हैं कि कमेटी बनेगी तो केवल ऐसे ही नहीं बनेगी। कमेटी क्लॉज बाय क्लॉज डिसकशन के लिए बनेगी। कल अगर अपने निर्णय में सुप्रीम कोर्ट कमेटी बनाती है तो क्या जो किसान संगठन है जिसका आप साथ भी दे रहे हैं, वह लोग कमेटी से जाकर बात करेंगे? उन्हें करना भी चाहिए। और चूंकि सुप्री्म कोर्ट इसे एक सही नतीजे तक पहुंचाएगी तो क्या किसानों को अपने घर वापस नहीं चले जाना चाहिए? आपका इसमें क्या मत है?
इस पर सिरसा कहते हैं- एक बात तो आज आप लोग मान गए कि सरकार विफल हो गई है। अब सुप्रीम कोर्ट के ऊपर बात हो गई है। सीजीआई डिसीजन लेगी, सरकार नाकाम हो गई है बातचीत में मान गए। मान गए हैं आप कि अब जो भी कुछ करेग सुप्रीम कोर्ट ही करेगा। तो पहले तो आप ये समझ लीजिए पात्रा जी कि ये बहुत बड़ी नाकामी है इसै छुपाने से कुछ होगा नहीं। आपने सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं लिख रखा है।
उन्होंनेआगे कहा-20 साल में ऐसा कोई डिसीजन आया नहीं, अगर जो आया है तो याद कराएं। आज सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि कैसे आपने इस फैसले को लागू किया? क्यों इस फैसले को लागू किया? आप बताओ 20 साल में कभी ऐसी कोई सिचुएशन आई है कभी? मानें न मानें सुप्रीम कोर्ट ने आपकी बहुत बड़ी किरकिरी की है। वो आपकी इंटरपेटेशन से बदलने वाला नहीं है।
इस पर संबित पात्रा ने जवाब दिया-आप और आपसे पहले सुरेंद्र चौहान भी बोल रहे थे आपसे पहले ज्यूडीशरी तो नहीं देश चलाएगी। मैंने तो ऐसा कहा ही नहीं। अटॉर्नी जनरल साहब ने भी जवाब दिया कि किसी भी कानून को दो मापदंडों में तोला जाता है। या तो कानून में गलती हो या तो कानून में खामी हो। या तो फंडामेंटल राइट्स पर आघात हो रहा हो।
उन्होंने आगे कहा- अगर ऐसा होतो सुप्रीम कोर्ट कानून को होल्ड कर सकता है। कल को 370 और सीएए को होल्ड कर दिया जाता है तो ऐसा सिरसा साहब ने ठीक कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ। मगर मेरा सवाल था कि सुप्रीम कोर्ट कमेटी बनाने की बात कर रही है। मतलब किसान भाई कमेटी के सामने बातचीत के लिए तैयार हैं कि नहीं?

