हिंदी सिनेमा के पहले फिल्मी परिवार में जन्मे रणबीर कपूर को बचपन में कई तरह के फायदे मिले हैं। हालांकि, उन्होंने हमेशा यही कहा है कि उन्हें ‘स्टार किड’ का टैग पसंद नहीं है और उन्होंने अपनी पहचान बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। एक पुराने इंटरव्यू में, रणबीर ने अपने स्कूल के दिनों, शानदार परवरिश और कैसे एक जमाने में मुश्किल से परीक्षा पास कर पाने से उनके माता-पिता खुश हो जाते थे, इस बारे में खुलकर बात की थी।
टीबीआईपी से बात करते हुए, रणबीर ने माना कि अपने बैकग्राउंड के कारण स्कूल के दिनों में वो खुद को खास महसूस करते थे, लेकिन उन्होंने अपने प्रिंसिपल से मिली अच्छी पिटाई को भी याद किया। उन्होंने कहा, “स्कूल में आपके साथ कोई अलग व्यवहार नहीं होता, लेकिन आपको एहसास होता है कि आप उन 40 स्टूडेंट में कहीं न कहीं खास हैं। वे आपके बारे में ज्यादा जानने को उत्सुक रहते हैं। लेकिन समय के साथ, जब आप उनके साथ बड़े हो जाते हैं, जैसे स्कूल में 10 साल… तो उन्हें इसकी आदत हो जाती है।” उन्होंने आगे कहा, “मैं बॉम्बे स्कॉटिश में पढ़ता था। वह एक बहुत ही सख्त कॉन्वेंट स्कूल था, प्रिंसिपल ने मुझे बहुत पीटा। एक बार उन्होंने स्कूल के एक गलियारे से दूसरे गलियारे तक मुझे थप्पड़ मारे, मेरा सिर पकड़कर दूसरी तरफ घुमाया और फिर वापस आते समय भी मुझे थप्पड़ मारे।”
रणबीर कपूर ने खुलासा किया कि वो अपने परिवार के पहले पुरुष थे जिन्होंने बिना फेल हुए स्कूल पास किया। उन्होंने याद करते हुए कहा, “मैं पढ़ने में बहुत खराब था। मैं क्लास में आखिरी तीन में आता था, लेकिन मैं कभी फेल नहीं हुआ। मैं हमेशा पास हो जाता था। मुझे दसवीं क्लास में 54.3% अंक मिले थे। मैं उस समय न्यूयॉर्क में था और मेरे पिता फिल्म “आ अब लौट चलें” का निर्देशन कर रहे थे। मेरी मां मुंबई में थीं और उन्होंने रोते हुए मुझे फोन किया। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि मैं दसवीं पास कर गया। क्योंकि मैं अपने परिवार का पहला पुरुष था जिसने बिना फेल हुए स्कूल पास किया था। मुझे याद है मेरी दादी, चाचा और पिता न्यूयॉर्क में थे और वे बहुत खुश थे।”
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फिल्मी परिवार से होने के नुकसान के बारे में पूछे जाने पर रणबीर ने जवाब दिया, “मुझे स्टार सन कहलाना पसंद नहीं है। हां, मुझे जल्दी ही मौका मिल गया और मैं एक आलीशान परिवार में पला-बढ़ा हूं, लेकिन पिछले कुछ सालों में मैंने अपना नाम कमाने के लिए वाकई कड़ी मेहनत की है।” रणबीर कपूर को ये भी याद दिलाया गया कि वो किसी आम फिल्मी परिवार से नहीं, बल्कि इंडस्ट्री के पहले फिल्मी परिवार से हैं। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं इसके लिए जिम्मेदार महसूस करता हूं। मैं इसे हल्के में नहीं लेता। मुझे इस बात का कोई घमंड नहीं है। मैं अपने परिवार को गर्व महसूस कराना चाहता हूं, लेकिन मैं यहां अपने लिए और अपना नाम बनाने के लिए हूं, न कि राज कपूर का पोता या ऋषि कपूर का बेटा कहलाने के लिए। मैं चाहता हूं कि मेरे पिता मेरे नाम से जाने जाएं।”
रणबीर कपूर एक बेहतरीन एक्टर हैं और इस वक्त ‘रामायण’ फिल्म में भगवान राम का किरदार निभाने को लेकर चर्चा में हैं। उनकी को-एक्ट्रेस इंदिरा कृष्णन ने उनकी जमकर तारीफ की है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…