टीवी सीरियल्स और बॉलीवुड फिल्मों के लिए सभी को पता होगा कि मुंबई में शूटिंग की जाती है लेकिन, इसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि जब रामानंद सागर की ‘रामायण’ की शूटिंग की गई थी तो वो मुंबई में नहीं बल्कि उससे काफी दूर महाराष्ट्र और गुजरात के बॉर्डर पर शूट किया गया था। इस जगह का नाम उमरगांव है। ये पिछले कुछ सालों से टीवी इंडस्ट्री के लिए काफी अहम हो गई है। उमरगांव में टीवी सीरियल्स के मेकर्स के लिए छोटी फिल्म सिटी बन गई है और धार्मिक शोज के लिए तो इसे मेकर्स की पहली पसंद बताया जाता है। कहा जाता है कि इस फिल्म सिटी को बसाने के पीछे डायरेक्टर और प्रोड्यूसर सिद्धार्थ कुमार तिवारी का हाथ है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट की मानें तो डायरेक्टर और प्रोड्यूसर सिद्धार्थ कुमार तिवारी ने 27 एकड़ में फैसले स्वास्तिक भूमि स्टूडियो का निर्माण किया। इसकी वजह से यहां के लोकल लोगों को रोजगार मिला। पूरी सोसाइटी को रेंट पर दिया गया। सीरियल्स में काम करने वाले एक्टर्स यहीं पर रहते हैं। बताया जाता है कि मुंबई की तुलना में यहां शूटिंग करना आसान होता है और ये एरिया नेचुरली बहुत रिच है। इस लोकेशन के पास नदियां, समुद्र और पहाड़ भी हैं। इस लोकेशन पर शूट का फायदा है कि शोज में नदियां, किले, समुद्र और पहाड़ों को दिखाने के लिए क्रोमा का यूज नहीं करना पड़ता। अब सबसे दिलचस्प बात ये है कि 1987 में टेलिकास्ट हुई रामानंद सागर की ‘रामायण’ की शूटिंग यहीं उमरगांव में ही हुई थी।
सिद्धार्थ कुमार तिवारी उमरगांव के लिए रामानंद सागर की ‘रामायण’ को देखकर प्रेरित हुए थे। उन्होंने भी सोच लिया था कि वो यहीं पर अपने शोज की शूटिंग करेंगे। यहां कई धार्मिक टीवी शोज की शूटिंग की जा चुकी है। इसमें ‘महाभारत’, ‘शनि’, ‘रजिया सुल्तान’, ‘सूर्यपुत्र कर्ण’, ‘राधाकृष्ण’, ‘चंद्रगुप्त मौर्य’, ‘पोरस’, ‘वंशज’ और ‘लक्ष्मी नारायण’ जैसे शोज शामिल हैं।
स्वास्तिक भूमि स्टूडियो में क्या है खास?
उमरगांव में बने स्वास्तिक भूमि स्टूडियो में बेहद ही खास चीजें हैं। इसमें ऐतिहासिक महल का सेट और पर्वत तक उपलब्ध है। ये स्टूडियो 27 एकड़ में बना है। इसमें 56000 स्क्वायरर फीट में कैलाश पर्वत, 37950 स्क्वायर फीट में महल और किले का सेट, बड़े-बड़े तीन मार्केट, 11,875 स्क्वायर फीट का एक कोर्ट रूम का सेट, जैसे ऐतिहासिक महलों में राजा-महाराजाओं के लिए हुआ करते थे, 4200 स्क्वायर फीट में राजा-महाराजाओं के कमरे का सेट, इसके साथ ही स्टूडियो एक तरफ जंगल और दूसरी तरफ समुद्र है।
FAQ’s
रामानंद सागर की रामायण टीवी का पॉपुलर शो है। इसके लेखक वो खुद हैं।
असली रामायण वाल्मीकिजी द्वारा रची हुई रामायण है।
आर्टिफिशियल चीजों से बना अयोध्या और लंका
यही नहीं, आपको बता दें कि उमरगांव की फिल्म सिटी में ज्यादातर लकड़ियों का इस्तेमाल किया गया है। यहां आर्टिफिशियल चीजों का कम से कम उपयोगा किया गया है। यहां बाहर से पत्थर मंगवाकर सेट पर लगाए गए हैं। इसमें प्राचीन अयोध्या, लंका, मिथिला, किष्किंधा और कैलाश पर्वत के सेट बनाए गए हैं। इतना ही नहीं, सोने की लंका को रियल लुक देने के लिए सेट पर दीवारों पर गोल्डन कलर का इस्तेमाल किया गया है।