मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को हैदराबाद में रामानुज सहस्त्राब्दी समारोह में हिस्सा लिया। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Supremo Mohan Bhagwat) भी उनके साथ इस कार्यक्रम में शरीक हुए। मोहन भागवत और शिवराज सिंह चौहान ने स्वामी रामानुजाचार्य की याद में बनाए गए स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी (Statue of Equality) के दर्शन किए। इस दौरान सीएम चौहान ने जो परिधान धारण किया था, उस पर सोशल मीडिया पर लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने ट्विटर पर लिखा कि अब इस परिधान को परमानेंट ही कर लीजिए शिवराज सिंह चौहान जी। श्रवण गर्ग नाम के यूजर ने लिखा कि योगी के लिए दिल्ली की प्रतिस्पर्धा आसान नहीं रहने वाली है। धर्मांशु ढाकर नाम के यूजर ने लिखा कि मुझे लगता है कि वह मध्य प्रदेश में एक हिंदुत्व ब्रांड आइकन के रूप में नरेन्द्र मिश्रा की छवि का मुकाबला करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
विक्की नाम के यूजर ने लिखा कि भाजपा के नेताओं को लगता है कि जनता को साधु संत ही पसंद है। अखिलेश त्रिपाठी नाम के यूजर ने लिखा कि सब के सब को हिमालय पर्वत पर जाकर तपस्या करनी चाहिए। उसके लिए एक से बढ़कर एक मटेरियल हैं इनके पास।
राजेंद्र रावत नाम के यूजर ने लिखा कि ऐसे तो सभी नेता करते हैं। गुरूद्वारे में पगड़ी, मस्जिद में टोपी, मंदिर में धोती, आदिवासी इलाकों में उनके परिधान। इसके पीछे कोई कहानी थोड़ी होती है। सिद्धार्थ राय नाम के यूजर ने लिखा कि हिजाब का समर्थन करने वाले के मुंह से किसी के परिधान पर टिप्पणी अच्छी नहीं लगती। शिवराज जी को स्कूल या कॉलेज नहीं जाना है, अगर वो पहनते हैं तो उनकी चॉइस है।
जीनेश शाह ने लिखा कि अगर इस ड्रेस को परमानेंट कर लिया तो बहुतों को दर्द होगा। उस दर्द के मारे आंसू भी आ जाएंगे। उसी आंसुओं की वजह से असहिष्णुता भी नजर आएंगी। सोच लो,रोज-रोज के दर्द में जीना है।
विक्की मंडल के नाम के यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि डबल स्टैंडर्ड है आप लोगों का। एक तरफ बोलते हैं कि किसी को कुछ भी पहनने का पूरा अधिकार है और दूसरी तरफ हिंदू धार्मिक परिधानों का मजाक उड़ाते हैं।