केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर किसान बीते कई महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। सरकार के विरोध में कई जगह महापंचायतों का भी आयोजन हो रहा है। बीते पांच सितंबर को जहां मुजफ्फरनगर में महापंचायत हुई थी तो वहीं 26 सितंबर को भी एक पंचायत आयोजित की जाएगी। हालांकि जब इस सिलसिले में राकेश टिकैत से सवाल-जवाब किया गया तो उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं था। ऐसे में रिपोर्टर ने राकेश टिकैत से सवाल किया कि किसान बंट क्यों रहा है? उनकी इस बात पर किसान नेता बिफर पड़े और उल्टा रिपोर्टर से ही सवाल करने लगे।

दरअसल, रिपोर्टर ने किसान नेता से सवाल किया कि मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत को लेकर कहा गया कि इसे राजनीतिक मंच बना दिया गया है। ऐसे में 26 सितंबर को एक और पंचायत होने वाली है? इस बात का जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “हो रही होगी, हमें नहीं पता। हमें जानकारी नहीं है इस बारे में, क्योंकि हम तो यहां का देखते हैं।”

राकेश टिकैत ने अपने बयान में आगे कहा, “बहुत पंचायत होती है और होनी भी चाहिए। चुनाव का वक्त है तो पंचायतें तो होंगी ही।” किसान नेता की बात पर रिपोर्टर ने उनसे सवाल किया, “मुजफ्फरनगर के ही गांव में आपका गांव भी है। तो यह संबंधों में दरार क्यों, किसान बंटता हुआ क्यों दिखाई दे रहा है?”

रिपोर्टर के इस सवाल पर राकेश टिकैत बिफर पड़े और उल्टा पूछने लगे, “आपके पिता जी कितने भाई हैं?” उनकी बात पर रिपोर्टर ने पूछा, “उससे इस बात का क्या संबंध है? आप अपना बता दो।” तो वहीं राकेश टिकैत ने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा, “सारी चीजें हम ही बता दें क्या, आप भी तो बता दो कि आप कितने भाई हो। आप क्या सारे इकट्ठे रहते हो, आपकी कभी लड़ाई नहीं हुई?”

राकेश टिकैत ने रिपोर्टर के से बात करते हुए आगे कहा, “पंचायत हो रही है, किसानों के मुद्दों पर हो रही है। इसमें हमें क्या दिक्कत होगी। सरकार ऐसे नहीं मानेगी, चारों तरफ से जबतक वह घिरेगी नहीं, मानेगी नहीं।” रिपोर्टर ने उनसे आगे सवाल किया कि अगर सरकार गन्ना फसल की कीमतें बढ़ा देती है तो आप शाबाशी देंगे? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “सरकार कुछ करे तो सही।”