दिल्ली यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत के समर्थन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों से देर रात और किसान पहुंचे हैं। हरियाणा से भी किसान उनके समर्थन में आए हैं। किसानों के पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है। दरअसल, एक दिन पहले उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों के धरना स्थल खाली करने को कहा था और उन्हें अल्टीमेटम दे दिया था।
इसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल वहां तैनात किया था। इसी बीच देर शाम किसानों को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत रो पड़े और उन्होंने कहा था कि जब तक कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तब तक वह हटेंगे नहीं, आत्महत्या कर लेंगे।
इसी बीच न्यूज़-18 के पत्रकार और एंकर अमीश देवगन ने राकेश टिकैत को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘जिन लोगों को राकेश टिकैत के आंसू दिख रहे हैं, क्या उन्हें दिल्ली पुलिस के 300 से ज्यादा जवानों और उनके परिवारों का दर्द और आंसू नहीं दिखता? उनमें से कई तो जीवन भर चल-फिर भी नहीं पाएंगे। देश हित में क्या सही है, ये आपको तय करना है।’।
जिन लोगों को राकेश टिकैत के आंसू दिख रहे हैं.. क्या उन्हें दिल्ली पुलिस के 300 से ज्यादा जवानों और उनके परिवारों का दर्द और आंसू क्यों नहीं दिखता…
उनमें से कई तो जीवन भर चल-फिर भी नहीं पाएंगे।
देश हित में क्या सही है, ये आपको तय करना है। #Fact— Amish Devgan (@AMISHDEVGAN) January 29, 2021
अगले ट्वीट में राकेश टिकैत पर तंज कसते हुए देवगन ने लिखा, ‘कल तक जो बक्कल खोल रहे थे, आज आंसू बहा रहे हैं बड़े बेआबरू होकर…’। अमीश देवगन ने एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा, ‘बक्कल और आ गयी अक्ल…’।
इन ट्वीट्स के बाद अमीश देवगन ट्विटर पर पूरी तरह से ट्रोल हो गए। यूजर्स उनकी खिंचाई करने लगे। जावेद नाम के यूजर ने लिखा, ‘आज किसान रो रहा है और हम तमाशा देख रहे हैं। कल हम रोएंगे और सब तमाशा देखेंगे। फिक्र मत करो वो दिन जल्दी ही आएगा’। डॉ. मोनिका सिंह ने सवाल किया, ‘बड़ी खुशी हो रही है तुम्हें?’
कल तक जो बक्कल खोल रहे थे, आज आंसू बहा रहे हैं
बड़े बेआबरू होकर……— Amish Devgan (@AMISHDEVGAN) January 28, 2021
शुभम पांडे नाम के यूजर ने अमीश देवगन पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘सारे गिद्ध में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है, लेकिन याद रखना, आन्दोलन को बदनाम करके तुम पत्रकार नहीं कहलाने लगोगे, सारा देश जानता है तुम सरकारी पत्तलकार हो। शर्म तो तुम्हें भी आती होगी, ख़ुद की घटिया पत्रकारिता पर’।