भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में डटे हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार कानून वापस नहीं ले लेती है, वह आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। वहीं हाल ही में उन्होंने न्यूज 1 इंडिया को इंटरव्यू दिया, जिसमें न्यूज ऐंकर गरिमा सिंह ने राकेश टिकैत से उन्हीं के अंदाज में सवाल पूछने शुरू कर दिये। न्यूज ऐंकर ने राकेश टिकैत से चुनावों को लेकर सवाल किया कि दो-दो बार चुनाव लड़े, फिर भी खुद चुनाव क्यों नहीं जीते? वहीं राकेश टिकैत ने भी न्यूज ऐंकर पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इंटरव्यू के दौरान न्यूज ऐंकर गरिमा सिंह ने राकेश टिकैत से किसान आंदोलन के विषय में सवाल करते हुए कहा, “जब चीज मेल मुलाकात से हो सकती है तो इतना कड़ा बनने की कोई जरूरत नहीं होती।” इसके जवाब में किसान नेता ने कहा, “दिमाग का बुखार कड़वी दवाई से ही उतरता है।” न्यूज ऐंकर ने भाकियू नेता से आगे सवाल किया, “आप बार-बार कह रहे हो कि तुमने चुनाव जिताया, आप भी तो दो-दो बार चुनाव में खड़े हुए, फिर खुद चुनाव क्यों नहीं जीत गए।”
इसके जवाब में राकेश टिकैत ने कहा, “हां दो बार खड़े हुए, हमें जनता ने वोट नहीं दिया और हार गए हम। आप यह बताओ कि आपने किसे वोट दिया।” किसान नेता के सवाल पर न्यूज ऐंकर ने कहा कि मैं यहां बताने के लिए नहीं बल्कि पूछने के लिए बैठी हूं। राकेश टिकैत यहीं नहीं रुके और न्यूज ऐंकर से पूछा, “क्यों डरते हो आप लोग इतना बीजेपी से? वाकई में डरते हो क्या? इतनी हिम्मत नहीं हो रही है कि अपना वोट तक बता सको। आप उनके प्रवक्ता क्यों बन जाते हो फिर।”
This is called ‘latth maar’ interview.. Tikait got something out of syllabus.. pic.twitter.com/UJkzUhfem6
— Keh Ke Peheno (@coolfunnytshirt) July 24, 2021
राकेश टिकैत की इन बातों पर न्यूज ऐंकर बिफर पड़ीं और बोलीं, “आप अगर अपना वोट बता रहे हैं तो आप गलत कर रहे हैं। संविधान ने आपको अधिकार दिया है कि अगर आप इसे गोपनीय रखना चाहते हैं तो यह आपका अधिकार है। लेकिन आप बताओ न आप चुनाव क्यों नहीं जीते।”
न्यूज ऐंकर के इस सवाल को लेकर राकेश टिकैत ने कहा, “हम आंदोलन कर रहे हैं, हम आंदोलन में जीतेंगे। दिल्ली के चारों तरफ बैठे हैं। जब तक सरकार मानेगी नहीं, तब तक हम जाने वाले नहीं हैं।” राकेश टिकैत के इंटरव्यू को लेकर सोशल मीडिया यूजर भी खूब कमेंट कर रहे हैं।
पवन नाम के यूजर ने लिखा, “वह टिकैत को उन्हीं की भाषा में सिखा रही हैं।” सौरभ चौधरी ने लिखा, “जब आपका सामना एक तर्कशील पत्रकार से होता है तो सभी कुतर्क बेतुके और आधारहीन हो जाते हैं। यही टिकैत जी के साथ भी हुआ है।”