देश में रोजाना कोरोना वायरस के लाखों नए केस सामने आ रहे हैं। ऐसे में सरकार लगातार किसान आंदोलन को कोरोना के बढ़ते केसों का जिम्मेदार ठहरा रही है। वहीं, किसान भी आंदोलन को जारी रखने की बात पर डटे हुए हैं। इस मामले को लेकर भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने एबीपी लाइव के ‘हुंकार’ शो में भी बात की, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर आंदोलन को 2024 तक भी जारी रखना पड़े तो रखेंगे। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि हम नहीं सरकार कोरोना फैला रही है। शो के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत की न्यूज ऐंकर से भी जमकर बहस हुई।

हुंकार शो में न्यूज ऐंकर रोमाना ईसार खान ने राकेश टिकैत से कहा कि विरोध कीजिए, लेकिन वक्त की नजाकत को भी समझिए। ये महामारी का समय चल रहा है। उनकी इस बात का जवाब देते हुए किसान नेता ने कहा, “आप यह बात सरकार को भी कह दो एक बार। कह दो कि कोरोना काल चल रहा है, जो कानून लेकर आए थे वह वापस ले लो। अगर किसान नहीं मान रहे तो सरकार तो मान सकती है।”

राकेश टिकैत की बात पर न्यूज ऐंकर ने कहा कि वह क्यों मानें, वह तो चुनी हुई सरकार है। इसपर राकेश टिकैत ने कहा, “तो हम क्यों मानें। हमारा आंदोलन करने का अधिकार है और हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। अगर बातें करनी ही हैं तो सरकार बैठकर करे ना, चैनल वालों को परेशानी क्यों हो रही है।”


किसान नेता की बात पर न्यूज ऐंकर ने आगे कहा कि सरकार का एजेंडा तो साफ है। उनका कहना है कि बाकी लोगों को दिक्कत है नहीं, लेकिन मुट्ठी भर लोगों को परेशानी है। ये अपनी राजनैतिक शक्ति दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।


राकेश टिकैत ने इस बात का जवाब देते हुए कहा, “मुट्ठी भर लोगों को फायरिंग करवाकर भगा दो। इन्होंने 28 तारीख को भी तो यही किया था। ये वैचारिक क्रांति है और यह विचार से ही खत्म होगी, लाठी या डंडे से नहीं। जो किसान छह महीने तक आंदोलन पर बैठ सकता है, वह आगे छह महीने भी बैठ सकता है।”

राकेश टिकैत ने अपने बयान में आगे कहा, “हमें 2024 या 2025 तक भी बैठना पड़े तो हम बैठेंगे।” उनकी इस बात को लेकर न्यूज ऐंकर ने कहा कि आप पार्टी पॉलिटिक्स करने की कोशिश कर रहे हैं क्या? क्योंकि यह तो राजनीति का अड्डा बनता जा रहा है। आप लोगों का खेल क्या चल रहा है। न्यूज ऐंकर के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि खेल तो हमें भी नहीं पता कि क्या चल रहा है।

राकेश टिकैत ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “कोरोना काल में जब कानून बन सकते हैं तो कोरोना काल में ही वापस भी हो सकते हैं। कोरोना बड़ा है या कानून बड़ा है। अगर देश की जनता की चिंता है तो सरकार कानून वापस ले ले। ये कोरोना हमसे नहीं फैल रहा है, ये सरकार ही फैलाएगी। दवाई नहीं है, हॉस्पिटल नहीं है, हम नहीं फैला रहे। सरकार को हॉस्पिटल पर काम करना चाहिए।”