केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते सात महीने से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। वहीं, सरकार का कहना है कि जो भी किसान अपने घर जा रहे हैं, वह गांव में भी कोरोना वायरस फैला रहे हैं। इस मामले को लेकर इंडिया टुडे के डिबेट शो में भी चर्चा की गई, जिसमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी मौजूद थे। डिबेट शो के दौरान राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन खत्म न करने का दावा किया, साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया। राकेश टिकैत ने इस दौरान केंद्र सरकार को हॉस्पिटल और स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देने के भी सलाह दी।
शो के दौरान राकेश टिकैत से पूछा गया कि इतनी ज्यादा संख्या में किसान परिवारों की जानें जा रही हैं, गांवों में भी कोरोना पहुंच रहा है। ऐसे में क्यों आंदोलन कोरोना के बीच जारी रहना चाहिए? इसके जवाब में उन्होंने कहा, “यह बीमारी पिछले साल भी थी और अगर कोरोना काल में देश में कानून आ सकते हैं तो कोरोना काल में ही हट भी सकते हैं। अभी क्या लोग नौकरी नहीं कर रहे, गाड़ियां नहीं चल रहीं, लोग खाना नहीं खा रहे। तो आंदोलन अभी क्यों न जारी रहे?”
सरकार आरोप लगाने बंद करे: न्यूज ऐंकर ने राकेश टिकैत से कहा कि सरकार का कहना है कि जो किसान गांव जा रहे हैं, उससे वहां भी कोरोना फैल रहा है। इसपर आपका क्या कहना है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, “हम आंदोलन स्थगित करके भी देश में ही रहेंगे ना, बाहर तो जाएंगे नहीं। ये कोरोना का उद्गमस्थल नहीं है, ऐसे में सरकार आरोप लगाने बंद करे।”
When people can go to offices, then why can’t we continue with the protests, says Rakesh Singh Tikait (@RakeshTikaitBKU), Bhartiya Kisan Union spokesperson. #IndiaFirst with @gauravcsawant #FarmersProtest #Covid19 #coronavirus pic.twitter.com/dxULGrlBsg
— IndiaToday (@IndiaToday) May 21, 2021
ये कानून भी खत्म करने ही पड़ेंगे: राकेश टिकैत ने सरकार पर तंज कसते हुए आगे कहा, “देश का क्या बुरा हाल हुआ है, वह सबको पता है। ये कानून भी खत्म करने ही पड़ेंगे। पत्रकार जिनका निधन हुआ है, मंत्री जिनका निधन हुआ है, वह तो यहां नहीं थे। एक बीमारी है, उसका इलाज हॉस्पिटल में होना चाहिए। जो गांव में अस्पतालों की बिल्डिंग बन रही है, उसपर ध्यान देना चाहिए।”
कमियों को छुपाने के लिए आंदोलन को बहाना न बनाएं: राकेश टिकैत ने बयान को आगे बढ़ाते हुए कहा, “जो दवाइयां हैं, सरकार को उसपर ध्यान देना चाहिए। अपनी कमियों को छुपाने के लिए आंदोलन को बहाना न बनाएं। कोरोना के बहाने ही आप आंदोलन को खत्म कर दो। आंदोलन के बहाने ही आप व्यापारियों को मदद कर दो, ऐसा तो होगा नहीं। देश की जनता सब जानती है।”
कृषि कानून वापस हों, आंदोलन खत्म हो जाएगा: आंदोलन को खत्म करने की बात पर राकेश टिकैत ने कहा कि यहां ज्यादा लोग नहीं आ रहे हैं, साथ ही न किसी को यहां दिक्कत है। जैसे बीमारी का रास्ता हॉस्पिटल है, वैसे ही आंदोलन का इलाज संसद है। बता दें कि बीते दिन राकेश टिकैत ने ‘आजतक’ में भी किसान आंदोलन को लेकर काफी बातचीत की थी और इस दौरान वह पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार पर भड़के हुए भी नजर आए थे। उन्होंने कहा था कि जैसे ही कृषि कानून वापस होगा, आंदोलन तुरंत ही खत्म हो जाएगा।