बॉलीवुड में अपनी बेहतरीन कॉमेडी के लिए जाने-जाने वाले एक्टर राजपाल यादव (Rajpal Yadav) आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने पर्दे पर विलेन से लेकर हीरो तक का रोल प्ले किया है। वो बात अलग है कि दोनों रोल्स में उनका करियर पर्दे पर नहीं चला लेकिन, एक कॉमेडियन के तौर पर वो हिट जरूर हैं। अपनी जबरदस्त एक्टिंग और कॉमेडी से राजपाल दर्शकों और फैंस को हंसाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। आज वो भले ही एक सफल अभिनेता के तौर पर जाने जाते हैं मगर उनकी लाइफ में उन्होंने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। चलिए बताते हैं राजपाल यादव के संघर्ष भरे जीवन के बारे में…
दरअसल, राजपाल यादव आज अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 16 मार्च, 1971 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था। छोटा कद होने के बावजूद भी एक्टर ने खुद को स्क्रीन पर साबित किया है और एक्टिंग के दम पर इंडस्ट्री में पहचान बनाई है। उनकी कॉमेडी की टाइमिंग बेमिसाल है। राजपाल जिस भी फिल्म में होते हैं उसमें जान ही डाल देते हैं। राजपाल फिल्मों में आने से पहले एक नाटक थिएटर में दो साल की ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद 1994 से 97 तक वो दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक्टिंग की ट्रेनिंग ली। यहां से ट्रेनिंग लेने के बाद एक्टर मुंबई अपनी किस्मत आजमाने के लिए चले गए। यहां उनका कड़ा संघर्ष रहा। उन्होंने खुद बताया था कि छोटी हाइट के चलते फिल्मों में काम नहीं मिल पाता था।
बस में चढ़ने के लिए नहीं थे पैसे
राजपाल ने अपने संघर्षों को लेकर एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पास बस में चलने तक के पैसे नहीं हुआ करते थे। वो किसी तरह से खुद का गुजारा किया करते थे। साल 1999 में उनकी जिंदगी में कुछ सुधार हुए थे। उन्हें 2000 में फिल्म ‘जंगल’ में काम करने का मौका मिला और इसमें वो डाकू ‘सिप्पा’ के रोल में थे। इसमें उनका कोई खास काम नहीं था लेकिन, उनकी एक्टिंग नोटिस जरूर किया गया था। इसके बाद उनकी किस्मत पलटी और बैक टू बैक फिल्में मिलने लगी थीं।
दर्जी का भी किया काम
आज करोड़ों दिलों पर राज करने वाले राजपाल की घर की माली हालत काफी खराब थी। आलम ये था कि उनके सिर पर पक्की छत तक नहीं थी। भले ही राजपाल के घर की माली हालत खराब थी मगर उनके पिता ने कुश्ती लड़कर उन्हें दूसरे गांव के अच्छे स्कूल में पढ़ाया था। पिता की मेहनत और राजपाल की लगन ने उन्हें जीवन में सफलता दिलाई। उन्होंने वक्त और हालातों से लड़कर अपनी पढ़ाई को पूरा किया।
पढ़ाई पूरी करने के बाद राजपाल अपने पिता की लाठी का सहारा बनना चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने टेलरिंग का काम सीखा। उन्होंने ऑर्डिनेंस क्लॉथ फैक्ट्री में टेलरिंग से अप्रेंटिस का कोर्स किया और टेलर बन गए। वो बात अलग थी कि एक्टर का मन टेलरिंग में नहीं लगा। इसकी वजह थी एक्टिंग। उनके दिमाग में एक्टिंग का कीड़ा था। इसके बाद उन्होंने अपने जीवन में कुछ करने का फैसला किया और वो अभिनय के दुनिया में कदम रखने के लिए तैयार हो गए। फिर क्या था मेहनत की दर-दर की ठोकरें खाई और अब हंसी के सुपरस्टार बन गए।
अगर राजपाल यादव की फिल्मों की बात की जाए तो उन्होंने अपने करियर में ढेरों फिल्मों में काम किया है। इसमें ‘मालामाल’, ‘प्यार तूने क्या किया’, ‘हंगामा’, ‘अपना सपना मनी मनी’, ‘भूल भुलैया’, ‘चुप चुप के’, ‘फिर हेरा फेरी’, ‘ढोल’, ‘मैं’, ‘मेरी पत्नी और वो’, ‘मुझसे शादी करोगे’, ‘गरम मसाला’ और ‘भूतनाथ’ जैसी फिल्मों में काम किया और एक बेहतरीन कॉमेडियन बनकर उभरे।