साउथ से लेकर हिंदी सिनेमा में अपनी अलग पहचान बनाने वाले रजनीकांत 12 दिसंबर को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। सिनेमा में प्रसिद्धि पाने से पहले रजनीकांत बस कंडक्टर थे। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि बस में टिकट काटने वाला एक मामूली शख्स पूरी दुनिया में छा सकता है। उनके काम के साथ-साथ उनकी पर्सनल लाइफ के भी काफी चर्चे रहे है। उनकी पत्नी लथा के साथ उनकी स्टोरी काफी दिलचस्प है। मगर श्रीदेवी के लिए रजनीकांत का प्यार भी काफी चर्चा में रहा, हालांकि कम ही लोग ये जानते हैं कि रजनीकांत को सबसे पहले निर्मला नाम की लड़की से प्यार हुआ था। आज हम निर्मला के बारे में बताने जा रहे हैं।
इस बात का खुलासा खुद रजनीकांत ने किया था। मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक क्लासिक फिल्म ‘बाशा’ की शूटिंग खत्म होने के बाद एक निजी होटल के कमरे में अपने जीवन के इस दौर के बारे में खुलकर बात की थी।
रजनीकांत ने याद करते हुए बताया था कि चेन्नई में बस कंडक्टर के रूप में काम करते समय उनकी मुलाकात पहली बार एमबीबीएस की छात्रा निर्मला से हुई थी। उनकी पहली मुलाकात रोमांटिक नहीं थी, उनके बीच तीखी बहस हो गई क्योंकि निर्मला बस में आगे के दरवाजे से चढ़ने की कोशिश कर रही थी। लेकिन वे एक ही बस रूट पर बार-बार मिलते रहे और उनकी शुरुआती दुश्मनी जल्दी ही दोस्ती में बदल गई। निर्मला को रजनीकांत के एक नाटक को देखने का निमंत्रण मिला। वह उनका अभिनय देखने आई और उनकी प्रतिभा से बेहद प्रभावित हुई।
देश के सबसे प्रतिष्ठित अभिनय संस्थानों में से एक, अड्यार फिल्म संस्थान ने कुछ दिनों बाद रजनीकांत को प्रवेश पत्र भेजा। उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि आवेदन निर्मला ने किया था। इसके बाद निर्मला ने उनसे कहा था, “”तुम बहुत अच्छा अभिनय करते हो। मेरी राय में तुम सचमुच कमाल हो। मैं तुम्हें फिल्मों के पोस्टरों पर देखना चाहूंगी। सिनेमाघरों के सामने तुम्हारे बड़े-बड़े कटआउट देखना मुझे बहुत अच्छा लगेगा। तुम्हें भारत में एक प्रसिद्ध अभिनेता बनना चाहिए। ये सब बातें मेरे मन में तब आईं जब मैंने तुम्हारा अभिनय देखा। इसीलिए मैंने तुम्हारी तरफ से आवेदन किया है।”
पहले तो रजनीकांत ने झिझक के कारण इस अवसर को ठुकरा दिया। उन्हें आर्थिक बोझ की चिंता थी और अपनी सुरक्षित नौकरी छोड़ने से डर लग रहा था। लेकिन अगली मुलाकात में, निर्मला ने उन्हें नकद पैसे दिए और आने के लिए प्रोत्साहित किया। जिसके बाद वो मान गए।
अजीब बात यह है कि संस्थान में शामिल होने के बाद रजनीकांत ने निर्मला से संपर्क करना बंद कर दिया। कुछ समय बाद जब वे बेंगलुरु लौटे तो निर्मला वहां नहीं थीं। उनका घर बंद होने के कारण उन्हें ढूंढने का प्रयास व्यर्थ रहा। रिपोर्ट के मुताबिक यह कहानी सुनाते समय रजनीकांत की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने बताया कि जब भी वे भीड़ देखते हैं, तो उन्हें आज भी निर्मला की याद आती थी। जिन्हें वो प्यार से निम्मी कहते थे। रजनीकांत का सवाल ये ही था कि इतनी सारी उपलब्धियां हासिल करने के बाद भी वह मुझसे मिलना क्यों नहीं चाहती?
शायद किस्मत में उनका मिलना नहीं लिखा था लेकिन रजनीकांत की यह अद्भुत यात्रा निर्मला के मौन प्रोत्साहन और उन पर विश्वास के कारण ही संभव हो पाई। उन्होंने 1981 में लता रंगाचारी से शादी की और अब वे सौंदर्या और ऐश्वर्या के पिता हैं। हालांकि, उन्हें आज भी अपना पहला प्यार और वह महिला याद है जिसने एक बस कंडक्टर में सितारा देखा था याद है।
