बॉलीवुड के मशहूर एक्टर राजेश खन्ना ने अपनी फिल्मों और अपने अंदाज से हिंदी सिनेमा में जबरदस्त पहचान बनाई थी। ‘आखिरी खत’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले राजेश खन्ना को हिंदी सिनेमा का ‘पहला सुपरस्टार’ भी कहा जाता था। यूं तो उन्होंने अपने करियर के दौरान कई फिल्मों में काम किया था, लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा लोकप्रियता ‘अराधना’ से मिली थी। हालांकि शूटिंग के बीच ही कुछ ऐसा हो गया था कि निर्देशक शक्ति सामंता ने इसकी शूटिंग बीच में ही रुकवा दी थी। इतना ही नहीं, उन्होंने फिल्म को कैंसल करने का भी फैसला कर लिया था।
राजेश खन्ना से जुड़ा यह किस्सा ’70 एमएस विद राहुल’ में किया गया था। इस शो में होस्ट ने बताया कि ‘अराधना’ फिल्म की शूटिंग मुंबई के फेमस स्टूडियो में शुरू हुई थी। इसी स्टूडियो में सुरेंद्र कपूर ‘एक श्रीमान एक श्रीमति’ फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। शूटिंग पूरी होने के बाद उन्होंने फिल्म शक्ति सामंता को दिखाने का फैसला किया था।
सुरेंद्र कपूर ने शक्ति सामंता को अपनी वह फिल्म दिखाई, लेकिन इसे देखते ही निर्देशक के होश उड़ गए थे। दरअसल, ‘एक श्रीमान एक श्रीमति’ की एंडिंग बिल्कुल ‘अराधना’ के जैसी ही थी, क्योंकि दोनों के लेखक सचिन भौमिक थे। ऐसे में उन्होंने मामले को लेकर लेखक पर भी नाराजगी जाहिर की। वहीं लेखक ने भी उन्हें समझाने की कोशिश की कि अंत थोड़ा मिलता-जुलता है, पूरा नहीं।
लेकिन शक्ति सामंता राजी नहीं हुए। उन्हें लगने लगा था कि उनकी सारी मेहनत खराब हो गई है। फेमस स्टूडियो में ही उनकी मुलाकात स्क्रीन राइटर गुलशन नंदा और मधुसुदन से हुई, जिनसे उन्होंने कहा कि मेरे हीरो-हिरोइन तैयार हैं। लेकिन मुझे नई कहानी की जरूरत है। ऐसे में गुलशन नंदा ने शक्ति सामंता को एक कहानी सुनाई, जो कि ‘कटी पतंग’ की थी। फिल्म की स्टोरी सुनते ही शक्ति सामंता ने तय कर लिया था कि वह राजेश खन्ना स्टारर ‘अराधना’ नहीं बनाएंगे।
गुलशन नंदा के पूछने पर शक्ति सामंता ने उनसे ‘अराधना’ में हो रही परेशानी भी बताई। ऐसे में तीनों ने शक्ति सामंता के घर जाकर स्क्रिप्ट में बदलाव किया और फिल्म में राजेश खन्ना का डबल रोल रखने का फैसला किया। बता दें कि राजेश खन्ना के इंडस्ट्री में नए होने के कारण डिस्ट्रीब्यूटर फिल्म को खरीदने के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन रिलीज के बाद फिल्म ने सिनेमा में धमाल मचाकर रख दिया था।
‘अराधना’ की रिलीज से पहले राजेश खन्ना को किसी ने भाव नहीं दिया था। इससे नाराज होकर राजेश खन्ना अपने होटल लौट आए थे। लेकिन फिल्म के खत्म होने के बाद राजेश खन्ना का किरदार लोगों को इस कदर पसंद आया था कि उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों ने भीड़ लगा ली थी।